November 21, 2024

ये हैं- कटघोरा व पाली तानाखार विधानसभा क्षेत्र के भाग्य-विधाता !

मतदाताओं ने चुन लिया कैसे कैसे विधायक

कोरबा 10 मई। मतदाताओं ने कैसे- कैसे विधायक चुन लिया है यह जानकर आपको भारी हैरानी होगी। हम जिनकी बात कर रहे हैं वह ऐसे विधायक हैं जिन्हें राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त है लेकिन यही पता नहीं कि वह किस तारीख और किस वर्ष में कार्य कर रहे है।

हम बात कर रहे हैं कोरबा जिला के कटघोरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक पुरुषोत्तम कंवर और पाली तानाखार विधायक मोहित राम केरकेट्टा की। पुरुषोत्तम कंवर विधायक के साथ साथ मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष भी हैं। उन्हें राज्य शासन ने राज्यमंत्री का दर्जा दे रखा है। इसी प्रकार मोहित राम केरकेट्टा विधायक के साथ ही मुख्यमंत्री, अधोसंरचना एवं उन्नयन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष हैं। इन्हें भी राज्य शासन ने राज्यमंत्री का दर्जा दे रखा है।

यह तो बात हुई कटघोरा और पाली तानाखार से चुने गए कांग्रेस के विधायकों को सौपे गए महत्वपूर्ण दायित्व की। आइए अब बात करते हैं जिम्मेदार पद पर बैठे इन दोनों विधायकों की लापरवाही की। विधायक पुरुषोत्तम कंवर ने 7 मई 2022 को खनिज विभाग के सचिव और जिला खनिज संस्थान न्यास के नोडल अधिकारी सिद्धार्थ कोमल परदेशी को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने जिला खनिज संस्थान न्यास कोरबा की वित्त वर्ष 2021-22 की बैठक दिनांक 15/ 9/ 2022 को होना उल्लेखित किया है। वे अपने पत्र में लिखते हैं- मैं कटघोरा क्षेत्र का विधायक हूं और शासी परिषद का सदस्य हूं। वर्ष 2021- 22 की बैठक दिनांक 15/ 9/ 2022 को आयोजित था, जिसमें मैं सम्मिलित हुआ था तथा मेरे द्वारा कटघोरा विधानसभा क्षेत्र के विकास कार्यों का प्रस्ताव दिया गया था, जिसको कार्य योजना में शामिल भी किया गया है। जिसकी प्रशासकीय स्वीकृति भी जारी की गई है। गौरतलब है कि खनिज न्यास की वर्ष 2021- 22 की बैठक दिनांक 15/ 09/ 2021को आयोजित की गई थी। लेकिन विधायक पुरुषोत्तम कवर को पत्र लिखने की इतनी हड़बड़ी थी कि उन्होंने इस बैठक की तारीख एक साल बाद की लिख दी। यानी पत्र लिखने की तारीख 7 मई 2022 से भी चार माह आगे की। नीचे दिए गए पत्र को पढ़िए-

अब बात करते हैं कोरबा जिले के दूसरे कांग्रेस विधायक मोहित राम केरकेट्टा की। इन्होंने भी सिद्धार्थ कोमल परदेशी को पत्र लिखा है। यह अपने पत्र में लिखते हैं कि- वर्ष 2021- 22 में जिला खनिज संस्थान न्यास मद के सम्बन्ध में जयसिंह अग्रवाल राजस्व मंत्री द्वारा की गई शिकायत निराधार है। मेरे जनहित के विभिन्न प्रस्ताव शासी परिषद में सम्मिलित करके विधिवत प्रशासकीय स्वीकृति भी दी गई है। यह महाशय अपने पत्र में आगे लिखते हैं कि वर्ष 2022- 23 की बैठक नियमा- नुसार लिया जा रहा है जिसकी सूचना भी विधिवत दी गई है। यह बैठक जनहित के कार्यों के लिए अत्यंत आवश्यक है। माननीय राजस्व मंत्री जी द्वारा सँभवतः व्यक्तिगत दुर्भावना से ग्रस्त होकर शिकायत की गई है। विधायक केरकेट्टा ने पत्र लिखने की तिथि अपने पत्र में दिनांक 08/04/ 2022 अंकित किया है। यहां आपको बता दें कि जिला खनिज संस्थान न्यास कोरबा की 09/05/2022 को आहूत बैठक की सूचना 02/ 05/ 2022 को जारी की गई थी। लगता है विधायक महोदय को एक माह पहले ही सपना आ गया था कि खनिज संस्थान न्यास कोरबा की बैठक 9 मई 2022 को आहूत की जाएगी और कोरबा विधायक एवं प्रदेश के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल 6 मई 2022 को इस बैठक को लेकर आपत्ति व्यक्त करते हुए प्रदेश के खनिज सचिव और खनिज न्यास के नोडल अधिकारी सिद्धार्थ कोमल परदेशी को पत्र लिखेंगे। उल्लेखनीय है कि राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने 06 मई 2022 को खनिज सचिव को पत्र लिखकर 09 मई 2022 को आहूत जिला खनिज न्यास की बैठक की सूचना देने में विलंब के साथ ही गत वर्ष का कार्यवृत्त उपलब्ध नहीं कराने सहित एजेंडा की जानकारी नहीं देने की शिकायत खनिज सचिव से की थी। इस पत्र में जिला खनिज संस्थान न्यास कोरबा की अध्यक्ष और कलेक्टर रानू साहू पर भ्रष्टाचार का भी आरोप लगाया था। इसी पत्र को झुठलाते हुए विधायक मोहित राम केरकेट्टा ने एक माह पहले ही खनिज सचिव के नाम पत्र लिख दिया। विधायक केरकेट्टा के पत्र में अंकित दिनांक खुद ही पढ़िए-

कोरबा विधायक और प्रदेश के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल इससे पहले भी कोरबा कलेक्टर रानू साहू पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा चुके हैं। तब छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने कोरबा में कई तरह के प्रदूषणो के साथ ही प्रशासनिक प्रदूषण का जुमला उछाला था और उसी जुमले के तार को आगे बढ़ाते हुए राजस्व मंत्री ने कलेक्टर रानू साहू को भ्रष्ट करार दिया था।

बहरहाल इस पूरे प्रकरण से कटघोरा और पाली तानाखार के आठ लाख नागरिकों के भाग्य विधाता विधायक पुरुषोत्तम कंवर और मोहितराम केरकेट्टा, उनके विकास के प्रति कितने सजग और जिम्मेदार हैँ, इसका अनुमान दोनों विधायकों के पत्र से लगाया जा सकता है।

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