November 7, 2024

खदान से खुलेआम कोयला चोरी, आई. जी. ने दिया जांच का आदेश, मचा हड़कंप

कोरबा 19 मई। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में सैकड़ों ग्रामीण इन दिनों साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स ( एस ई सी एल) की कोयला खदानों से प्रतिदिन हजारों टन कोयले की संगठित तरीके से चोरी कर रहे हैं। इन्हें न तो secl के सुरक्षा बलों का डर है और न ही पुलिस प्रशासन का ख़ौफ़। secl प्रबंधन और खदान के भीतर काम करने वाले अधिकारी भी मूक दर्शक बनकर अपनी आँखों के सामने दिन दहाड़े कोयला खदान में घुसकर कोयला चोरी होते देखते रहते हैं। इस सम्बंध में सोशल मीडिया में वीडियो वायरल होने के बाद बिलासपुर आई. जी. रतनलाल डांगी ने मामले की जांच का आदेश जारी किया है।

यह नजारा है कोल इंडिया की छत्तीसगढ़ में स्थापित सहायक कम्पनी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड बिलासपुर की कोरबा जिले में संचालित एशिया की सबसे बड़ी खुली कोयला खदान गेवरा का। आप देख रहे हैं कि सैकड़ों ग्रामीण महिला पुरूष, युवक युवती कोयला खदान के भीतर कोयला खनन कर रहे हैं और कतारबद्ध होकर बोरियों में भरे कोयले को खदान से बाहर ले जा रहे हैं। खदान में एस ई सी एल के कर्मचारी भारी मशीन चलाते भी नजर आ रहे हैं, लेकिन ग्रामीण बेख़ौफ़ होकर उनकी नजरों के सामने कोयला चोरी कर खदान से बाहर जा रहे हैं।

खास बात यह है कि कोयला खदान की सुरक्षा के लिए कोरबा जिले की गेवरा, दीपका, कुसमुंडा, सराईपाली, सुराकछार, रजगामार, मानिक पुर, बांकीमोंगरा में सी आई एस एफ और त्रिपुरा बटालियन के सशस्त्र बल तैनात हैं। सभी खदानों में सैकड़ों कर्मचारी और अधिकारी पदस्थ हैं। खदान प्रबंधन के ऊपर मुख्य महाप्रबंधक पदस्थ हैं। कोरबा की खदानों से केवल 80 किलो मीटर दूर बिलासपुर में secl का मुख्यालय है। secl के सी एम डी हर सप्ताह इन खदानों के प्रवास पर आ रहे हैं। इसके बाद भी कोयला चोरी पर रोक नहीं लग रही है। प्रतिदिन हजारों टन कोयले की खुलेआम चोरी कर छत्तीसगढ़ सहित उत्तर प्रदेश में सड़क मार्ग से भेजकर खपाया जा रहा है।

इस मामले में पूर्व आई ए एस और भारतीय जनता पार्टी के नेता ओ. पी. चौधरी ने ट्विटर पर वीडियो शेयर कर पी एम ओ सहित केन्द्रीय मंत्रियों का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया है। इसके बाद से जिले में खलबली मची हुई है। आई. जी. बिलासपुर रतनलाल डांगी ने 19 मई 2022 को एक आदेश जारी कर वीडियो की जांच करने का आदेश दिया है।

बिलासपुर रेंज के आई. जी. रतनलाल डांगी ने मामले की जांच के लिए एंटी क्राइम एन्ड सायबर यूनिट बिलासपुर के प्रभारी को जांच अधिकारी बनाया है। जांच अधिकारी यह तस्दीक करेंगे कि वायरल वीडियो किस जिले के किस खदान की है। इसके अलावा आई. जी. ने जांच के लिये कई बिंदु भी तय किये हैं जिनके तहत जांच अधिकारी जांच कर रिपोर्ट आई. जी. को प्रस्तुत करेंगे। आई. जी. द्वारा जारी निर्देशो के तहत जांच अधिकारी इस बिंदु पर जांच करेंगे कि लोगो को इतनी बड़ी संख्या में तैनात केंद्रीय सुरक्षा बल के जवान खदान में घुसने व कोयला ले जाने से क्यो नही रोक पा रहे। इसके अलावा एसईसीएल में तैनात केंद्रीय सुरक्षा बलों व जिला पुलिस बल के बीच किस स्तर तक कैसा समन्वय है यह भी जांचेंगे। पूर्व में कोयला चोरी की कितनी रिपोर्ट एसीसीएल प्रबन्धन द्वारा थानों में की गई और उस पर पुलिस कार्यवाही की जानकारी भी जांच अधिकारी द्वारा ली जायेगी। कार्यवाही न होने की स्थिति में कार्यवाही न करने का कारण भी जांच रिपोर्ट में लिखना होगा। चोरी का कोयला खरीदने वाला सरगना कौन कौन है व वह आगे इसे किसे किसे बेच रहा है यह भी जांच करने के निर्देश आईजी ने दिए हैं। भविष्य में चोरी रोकने हेतु उठाये जाने वाले आवश्यक कदमो की भी जानकारी जांच प्रतिवेदन में मांगी गई है।

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