वैश्विक मंदी: बालको के समक्ष प्रतिस्पर्धा में बने रहने की कठिन चुनौती
कोरबा 21 जून। तेजी के साथ घट रहे एल्युमिनियम के मूल्य और वैश्विक मंदी के चलते वेदांत समूह के भारत एल्युमिनियम कम्पनी (बालको) के समक्ष प्रतिस्पर्धा में बने रहने की कठिन चुनौती उठ खड़ी हुई है। बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक अभिजीत पति ने इस संकट से उबरने के लिए बालको परिवार से उत्पादन लागत में कटौती और नकदी के प्रवाह में बढ़ोत्तरी की दिशा में सकारात्मक प्रयास करने की अपील की है।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक अभिजीत पति ने अपनी अपील में कहा है कि वैश्विक बाजारों के रूझान इस ओर संकेत दे रहे हैं कि अर्थव्यवस्थाएं भीषण मंदी की ओर अग्रसर हैं जो आगे चलकर कीमतों में कटौती की ओर ले जाएंगे।
उन्होंने कहा है कि एल्यूमिनियम धातु का मूल्य वैश्विक बाजार में तेजी से घट रहा है। हम पिछले कुछ महीनों में एक विकट स्थिति का सामना कर रहे हैं, जिसमें लंदन मेटल एक्सचेंज (एल. एम. ई.) की कीमतों में 800 अमेरिकी डॉलर प्रति टन से अधिक की गिरावट आई है और वर्तमान में यह लगभग 2400 अमेरिकी डॉलर प्रति टन हो गई है। इसके अलावा, एल. एम. ई. के बाजार में हुई गिरावट की तुलना में हमारे व्यवसाय की लागत संरचना अत्यंत अधिक है। मुख्य रूप से आंतरिक कार्यक्षमता की प्रभावहीनता, परियोजनाओं का विलंबित निष्पादन, महत्वपूर्ण कच्चे माल की अनुपलब्धता और नया मार्ग दिखाने वाले विचारों में कमी इसके कुछ महत्वपूर्ण कारण हैं। परीक्षा की इस घड़ी में बालको का नकद प्रवाह नकारात्मक है जिससे हमारे व्यवसाय पर उच्च दबाव पड़ रहा है।
श्री पति ने कहा है कि इस बेहद चुनौतीपूर्ण व्यावसायिक वातावरण में बालको परिवार के समक्ष खुद का अस्तित्व बचाने और प्रतिस्पर्धा में बने रहने की चुनौती है। यदि एल. एम. ई. में एल्यूमिनियम के मूल्य में गिरावट का दौर जारी रहा तो हम बड़े घाटे और ऋणों के बोझ से दब जाएंगे।
उन्होंने कहा है कि ऐसे समय में व्यवसाय में बने रहने का मार्ग यही है कि हम लागत में निरंतर कटौती करें, आंतरिक कार्यक्षमता की प्रभावहीनता से मुक्त बनें, नए विचारों को अमल में लाएं, टालने योग्य खर्चों में कटौती करें तथा मानव संसाधन का सर्वोत्तम उपयोग करें। श्रीपति ने विश्वास जताया है कि इन कठिन परिस्थितियों में हम अपनी एकजुटता से इन कसौटियों पर खरे उतरेंगे। उन्होंने कहा है कि बाजार में टिके रहने के लिए यह अपरिहार्य है कि हम अपनी लागत को 3200 अमेरिकी डॉलर प्रति टन से घटाकर 1500 अमेरिकी डॉलर प्रति टन लागत स्तर को प्राप्त कर सकें। साथ ही बालको परिवार के लिए जरूरी है कि अपने व्यवसाय को बचाने के लिए हम पारस्परिक सौहार्द्र एवं समन्वयनपूर्ण वातावरण में एकजुट होकर कंधे से कंधा मिलाकर काम करते हुए लागत में कटौती और नकदी के प्रवाह में बढ़ोत्तरी की दिशा में काम करें। श्री अभिजीत पति ने कहा है- “मैं प्रत्येक कर्मचारी से खर्चों को कम करने और सभी गैर- महत्वपूर्ण और अतरिक्त खर्चों को रोकने की अपील करता हूँ। हमें प्रत्येक गतिविधि में व्यय को पर्याप्त रूप से कम करने की आवश्यकता है। यह एक ऐसा समय है जब हम सभी को अपनी गतिविधि के हर क्षेत्र में मितव्ययिता के उपाय करने चाहिए। कृपया याद रखें, हमारे सर्वोत्तम प्रयास और सकारात्मक मानसिकता के साथ हम बालको को बचाए रख सकते हैं। इस औद्योगिक यात्रा में उच्च मानकों के अनुरूप प्रदर्शन ही बालको को एल्यूमिनियम के क्षेत्र में विश्वस्तरीय अगुआ के तौर पर स्थापित करेगी।”