November 22, 2024

शहर के मुख्य सड़कों पर गौवंशों का डेरा, हादसों का शिकार होकर जान गंवा रहे लोग

कोरबा 18 जुलाई। शहर हो या गांव, सभी जगह गौ-वंश की दुर्दशा हो रही है। कटघोरा में ऐसा कोई दिन नहीं बीतता जिस दिन गौ-वंश सड़क दुर्घटना का शिकार न हो, जिस दिन किसी गाय की तड़प-तड़प कर मौत न होती हो। इन सड़क दुर्घटनाओं का शिकार लोग भी हो रहे हैं। इन सड़क दुर्घटनाओ में लोग या तो घायल हो रहे हैं, या उनकी भी मौत हो रही है। कटघोरा नगर की यातायात व्यवस्था लगातार चरमराती जा रही है। यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए किसी प्रकार का कदम नहीं उठाया जा रहा है और नगरपालिका प्रशासन भी इस मामलें में पूरी तरह से उदासीन है।

नगर की मुख्य सड़कों पर गाय ,पशु का पूरे समय डेरा जमा रहता है। लेकिन पशुओं को हटाने का काम नगरपालिका द्वारा कुछ दिनों तक ही सड़क पर दिख सका। वर्तमान में नगर के किसी भी मार्ग की सड़क पर पशु आराम करते नजर आते हैं। इन सड़कों पर गाय होने के कारण आए दिन कोई कोई घायल हो रहा है। वहीं नगर पालिका प्रशासन द्वारा इन पशुओं को सड़कों से हटाने की दिशा में बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। गौ-वंश के सड़कों पर आ जाने से सड़क जाम से लेकर, दुर्घटनाओं में इजाफा हुआ है। हालात ये आ चुके हैं, कि दुर्घटना में रोजाना गाय और इंसान की मौत हो रही है। दो वक्त के दानापानी के बदले दूध देने और मरने के बाद शरीर के चमड़े से कई लोगों का रोजगार चलाने वाली गाय, सड़कों पर मारी-मारी इसलिए फिर रही हैं, योकि उनके रहने-खाने का इंतजाम इंसान ने छीन लिया। गाय सड़कों पर आ गईं, बस यहीं से गाय सड़क दुर्घटना की वजह और शिकार बनने लगी हैं। शहर की सड़कों पर रहती हैं हजारों गाय आंकड़ो के मुताबिक कटघोरा शहर में हजारो गाय ऐसी हैं, जिनके न रहने का ठिकाना है, न खाने-पीने का इंतजाम है। शहर के हर वार्ड में कम से कम 70 गाय हैं, जो खाने की तलाश में सड़कों, गलियों में भटकती रहती है। हर सड़क पर इसी वजह से जाम लगता है। शहर की ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा गई है। सड़क के किनारे और सड़क पर बैठी गायों को बचाने के प्रयास में सड़क दुर्घटना हो रही है, जो रोजाना बढ़ती ही जा रही हैं। रात के समय सड़क पर बैठे गौ-वंश बड़ी सड़क दुर्घटनाओं की वजह बन रहे हैं। लोग हादसों का शिकार होकर जान गंवा रहे हैं। गायों को बचाने के चक्कर में रोजाना 5 एक्सीडेंट शहर में हो रहे हैं।

इन दुर्घटनाओं में 2 से तीन गाय की रोजाना मौत हो रही है, कम से कम चार लोग घायल हो रहे हैं। ये तो आम दिनों की बात है,बारिश के मौसम में रोजाना कम से कम 15 एक्सीडेंट होते हैं,जिनमें 10 गायों की मौत हो जाती है, 12 लोग गंभीर घायल हो जाते हैं, 2 से 4 लोगों की मौत हो जाती है। समस्या गंभीर रूप ले चुकी है, लेकिन राहत की बात अभी दूर की कौड़ी है। गौवंश सबसे ज्यादा बारिश के मौसम में सड़क हादसे का शिकार होते हैं,कोई दिन ऐसा नहीं गुजरता जब दुर्घटना न हो,लोग और गाय घायल न हो, या उनकी जान न चली जाए। कटघोटा में गाय के इलाज की व्यवस्था भी सीमित है,ऐसे में जान बचाना बहुत मुश्किल होता है मामले में जिला कांग्रेस कमेटी सचिव सुमित दुहलनी ने कहा की सड़को में बैठे गाय की वजह से लगातारो रही दुर्घटना को दूर करने हेतु नगर पालिका, प्रशासन तत्काल आवश्यक कदम उठाए, जिससे की गाय के साथ इंसानों की जान को भी बचाया जा सके।

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