November 24, 2024

हरेली पर्व के अवसर पर 28 जुलाई को स्कूलों में होगा गेड़ी नृत्य प्रतियोगिता

मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत जिले के महिलाओं को मिलेंगे गर्म पका भोजन के साथ गुड़ एवं बच्चों को अंडे और केले

जिले के चिर्रा और सेंद्रीपाली गोठान में हरेली के दिन से शुरू होगी गौ मूत्र की खरीदी

कलेक्टर श्री संजीव झा ने साप्ताहिक समीक्षा बैठक में दिए निर्देश

कोरबा 19 जुलाई 2022. कोरबा जिले में गर्भवती महिलाओं में खून की कमी तथा बच्चों में कुपोषण की दर को कम करने के लिए 20 जुलाई से मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तृतीय चरण का शुभारंभ किया जाएगा। कलेक्टर श्री झा के मार्गदर्शन में कोरबा जिले को सुपोषित कोरबा बनाने के लिए विशेष कार्य योजना बनाया गया है। अभियान के तहत कुपोषित बच्चों और गर्भवती महिलाओं को विशेष तौर पर पौष्टिक आहार दिया जाएगा। इस अभियान के तहत जिले के आंगनबाडी केन्द्रो में दर्ज एक से पांच वर्ष के मध्यम और गंभीर कुपोषित बच्चों को प्रबल सुपोषित कार्यक्रम अंतर्गत पूरक पोषण आहार के रूप में प्रतिदिन गर्म पका भोजन, 10 ग्राम गुड़ एवं प्रति बुधवार को अण्डा दिया जाएगा। अण्डा नही खाने वाले शाकाहारी बच्चों को केला प्रदान किया जाएगा। इसके साथ ही जिले की आंगनबाडी केन्द्रों में दर्ज गर्भवती महिलाओं को सुपोषित कोरबा कार्यक्रम के तहत प्रतिदिन गर्म पका भोजन के साथ 20 ग्राम गुड़ प्रदान किया जाएगा। कलेक्टर श्री झा ने समय सीमा की साप्ताहिक समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के सुचारू क्रियान्वयन के लिए सभी तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को दिये है। उन्होने अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए सभी परियोजना अधिकारियों और पर्यवेक्षकों की मीटिंग लेकर तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिये है। साथ ही अभियान की नियमित मॉनिटरिंग करने के लिए भी कहा है। अभियान से जिले में एक से तीन वर्ष के आठ हजार 173, तीन से पांच वर्ष के छह हजार 525 मध्यम और गंभीर कुपोषित बच्चे तथा 10 हजार 183 गर्भवती महिलाएं लाभान्वित होंगे। समय-सीमा की साप्ताहिक समीक्षा बैठक में एडीएम श्री विजेन्द्र पाटले, डी.एफ.ओ. कोरबा श्रीमती प्रियंका पाण्डेय, डीएफओ कटघोरा श्रीमती प्रेमलता यादव, जिला पंचायत के सी.ई.ओ. श्री नूतन कंवर, नगर निगम आयुक्त श्री प्रभाकर पाण्डेय सहित सभी विभागीय अधिकारीगण मौजूद रहे।

हरेली त्यौहार पर स्कूलों में होगी गेड़ी नृत्य प्रतियोगिता

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मंशानुरूप हरेली पर्व को राज्य में परंपरागत ढंग से मनाया जायेगा। इसी तारतम्य में जिले के सभी स्कूलों में हरेली पर्व के अवसर पर 28 जुलाई को गेड़ी नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा। कलेक्टर श्री संजीव झा ने समय सीमा की साप्ताहिक समीक्षा बैठक में गेड़ी नृत्य प्रतियोगिता के सफलतापूर्वक आयोजन के लिए जिला शिक्षा अधिकारी को आवश्यक निर्देश दिये। उन्होने प्रतियोगिता के लिए सभी स्कूलों में पहले से आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करने तथा प्रतियोगिता के दिन जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। गेड़ी नृत्य प्रतियोगिता में स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थी भाग लेंगे। प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को विशेष तौर पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों और कृषि के क्षेत्र में उल्लेखनीय भूमिका निभाने वाले प्रगतिशील किसान प्रतिनिधियों के हाथों पुरस्कृत कर प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया जाएगा। हरेली पर्व के अवसर पर सभी प्राइमरी, पूर्व माध्यमिक, हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों, आश्रम शालाओं और छात्रावासों में स्थानीय जनप्रतिनिधि, शाला प्रबंधन समिति, स्थानीय कला एवं संगीत मंडलियों की सहायता से हरेली त्यौहार का विशेष आयोजन किया जाएगा।

हरेली पर्व के दिन 28 जुलाई से शुरू होगी चिर्रा और सेन्द्रीपाली गौठान में गौमूत्र खरीदी

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की विशेष पहल पर छत्तीसगढ़ के गौठानों में हरेली तिहार 28 जुलाई से गौ-मूत्र की खरीदी की शुरूआत होगी। प्रथम चरण में कोरबा जिले के दो गौठानों में गौ-मूत्र की खरीद की जाएगी। इन गौठानों मे विकासखण्ड कोरबा के ग्राम चिर्रा और विकासखण्ड पाली के ग्राम सेन्द्रीपाली के गौठान शामिल है। कलेक्टर श्री संजीव झा ने इन गौठानों में गौमूत्र खरीदी के लिए आवश्यक तैयारी सुनिश्चित करने के निर्देश सभी जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों, पशुपालन, कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों को दिये हैं। उन्होने गौमूत्र बेचने के लिए पशुपालक किसानों को प्रोत्साहित करने के भी निर्देश अधिकारियों को दिये है। शासन द्वारा राज्य में गौ-मूत्र क्रय के लिए न्यूनतम राशि चार रुपये प्रति लीटर प्रस्तावित की गई है। क्रय गौ-मूत्र से महिला स्व-सहायता समूह की मदद से जीवामृत एवं कीट नियंत्रक उत्पाद तैयार किए जाएंगे। चयनित समूहों को पशु चिकित्सा विभाग एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के सहयोग से विधिवत प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

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