July 7, 2024

कोरबा 28 जुलाई। प्रकृति से जुड़े हुए हरेली पर्व पर कोरबा जिले के बड़े हिस्से में परंपरागत पूजा अर्चना के साथ आयोजन भी किए गए । इस अवसर पर फसल की अच्छी पैदावार के साथ समृद्धि के लिए ईश्वर से आशीर्वाद की कामना की गई।

सावन के महीने में हरेली पर्व मनाने की परंपरा सदियों से बनी हुई है । इसका निर्वहन उद्योग प्रधान कोरबा जिले के शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में किया गया खास तौर पर खेती.बाड़ी के काम से जुड़े लोगों ने इस पर्व को पूरी आस्था और विश्वास के साथ मनाने में दिलचस्पी दिखाई। सुबह से ही किसानों के परिवारों के यहां इस पर्व को लेकर उत्साह देखने को मिला स्नान ध्यान के साथ उन्होंने तुलसी चौरा के पास अपने कृषि उपकरण और अन्य संसाधनों की सफाई करने के साथ उनकी पूजा अर्चना की। इसी के साथ इस पर्व पर बनाए जाने वाले आंचलिक व्यंजनों का नैवेद्य समर्पित किया गया। आस्थावान लोगों ने बताया कि इस पर्व के साथ कई परंपराएं जुड़ी हुई हैं। ऐसा माना जाता है कि हरेली पर की जाने वाली पूजा से खेतों में अच्छी पैदावार होती है और समृद्धि का स्तर आनुपातिक रूप से बढ़ता है। प्रतिस्पर्धा में दिखाया हुनर हरेली के अवसर पर नारियल फेंकने के साथ कई परंपरागत प्रतिस्पर्धा भी आयोजित की गई। बच्चों से लेकर युवाओं और उम्रदराज लोगों ने इन प्रतियोगिताओं में अपनी भागीदारी की। इसके माध्यम से यह बताने का प्रयास किया गया कि सांस्कृतिक स्तर पर स्थानीय लोग कितने मजबूती से जुड़े हुए हैं और ऐसी प्रतियोगिताओं में भागीदारी करने के साथ वे अपने कौशल को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित भी करते हैं।

हरेली त्यौहार के अवसर पर विभिन्न खेलकूद प्रतियोगिताओं के अलावा संास्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया। छत्तीसगढ़ महतारी संस्कृति संवर्धन सेवा समिति कोरबा द्वारा छत्तीसगढ़ महतारी मंदिर परिसर भवानी मंदिर दर्री में हरेली पर्व के अवसर पर पूजा अर्चना, सांस्कृतिक कार्यक्रम, लोकगीत, लोक नृत्य, गेड़ी दौड़, नारियल फेंक और फुगड़ी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल शामिल हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता मोहन सिंह प्रधान ने की। कार्यक्रम में महापौर राजकिशोर प्रसाद, सभापति श्याम सुंदर सोनी, संतोष राठौर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। रामलीला मैदान बाल्को में सार्वजनिक हरेली उत्सव का कार्यक्रम बड़ी धूमधाम से मनाया गया, जिसमें विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम हुए कार्यक्रम करमा नृत्य,गेड़ी दौड़ और मटका फोड़ एवं छत्तीसगढ़ लोक कलाकारों के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए एवं अनेक प्रकार के छत्तीसगढ़ी व्यंजन का स्टॉल लगाया गया।

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