July 4, 2024

अगर पुलिस एफ. आई. आर. दर्ज न करे तो क्या करें ..?

जब कोई घटना या अपराध होता है, तो सबसे पहले उसकी जानकारी पुलिस को देनी पड़ती है। अक्सर देखा जाता है कि पुलिस एफआईआर दर्ज करने में आनाकानी करती है। यहां जानें एफआईआर दर्ज न हो तो क्या करें….

• कब और कैसे लिखवाई जाती है एफआईआर ?

किसी अपराध, घटना, धोखाधड़ी, चोरी, हत्या, मारपीट आदि को लेकर पुलिस में शिकायत की जाती है, तो उसे एफआईआर या प्राथमिकी कहते हैं। एफआईआर दर्ज करने में देरी सबूत की अहमियत को कम कर सकती है। प्राथमिकी के लिए सादे कागज पर घटना का विवरण दें।

• एफआईआर कहां और किस तरह दर्ज कराएं?

एफआईआर उस पुलिस स्टेशन में दर्ज की जाती है, जिसके अधिकार क्षेत्र में अपराध हुआ है। इसमें घटना की तारीख, समय, जगह और आरोपी की पहचान का सटीक तरीके से जिक्र होना चाहिए। पुलिस को उनकी जांच में मदद करने के लिए गवाहों (यदि कोई हो) के नाम भी दें। पुलिस हेल्पलाइन नंबर पर कॉल भी कर सकते हैं।

• पुलिस एफआईआर दर्ज न करे तो क्या करें? .

अगर पुलिस किसी की वास्तविक शिकायत दर्ज नहीं करती है, तो एसपी से और दूसरे बड़े अफसरों से शिकायत लिखित में या फिर ईमेल भेजकर भी कर सकते हैं। दूसरा तरीका है कि याचिकाकर्ता कोर्ट जाए। वहां ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट से पुलिस को एफआईआर दर्ज कर जांच का आदेश देने का अनुरोध करे। कोर्ट जाने के लिए याचिकाकर्ता को खुद सबूत पेश करने होंगे।

• ऑनलाइन एफआईआर कैसे दर्ज कराएं? .

निश्चित श्रेणी के अपराधों के संबंध में कोई भी ऑनलाइन के एफआईआर दर्ज कर सकता है। इसके लिए शहर या राज्य के पुलिस पोर्टल में अपना पंजीकरण कराना होगा। पुलिस के पोर्टल पर लॉग इन करें। आगे पोर्टल में निर्देशों का पालन कर शिकायत दर्ज करें।

• क्या एफआईआर दर्ज न करने पर पुलिसवालों पर ‘कार्रवाई होती है?

जी हां, एफआईआर दर्ज न करने वाले पुलिस अफसर पर कार्रवाई होती है। 10 हजार रु. जुर्माना भी लग सकता है।

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