शासकीय ग्राम भारती महाविद्यालय में नैक मूल्यांकन सर्वेक्षण संपन्न
कोरबा 21 अगस्त। नैक राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषदद्ध की राष्ट्रीय टीम द्वारा शासकीय ग्राम्य भारती महाविद्यालय हरदीबाजार का निरीक्षण परीक्षण किया गया। इस टीम में विशेषज्ञ के रूप डॉ गुरदीप सिंह. पूर्व वाइस चांसलर विनोबा भावे वि. वि हजारीबाग व प्रोफेसर आईआईटी धनबाद, डॉ इंद्रनिल आचार्य प्रोफेसर विद्या सागर वि. वि.मेदनीपुर, डॉ.चंद्रशेखरन सेवानिवृत्त प्राचार्य कंडास्वामी वि.वि.सम्मिलित थे। महाविद्यालय के संस्थापक श्री बोधराम कंवर, महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.टी.डी.वैष्णव, महाविद्यालय के जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष व कटघोरा विधानसभा के विधायक श्री पुरुषोत्तम कंवर, आइक्यूएसी प्रभारी डॉक्टर के के दुबे, प्रभारी श्री अखिलेश पांडे ने टीम का स्वागत किया। महाविद्यालय के लोक नर्तक दल ने पारंपरिक गायन वादन व नृत्य करते हुए स्वागत द्वार से महाविद्यालय परिसर तक टीम को लाया गया। तत्पश्चात मां सरस्वती की पूजा अर्चना के बाद महाविद्यालय का निरीक्षण आरंभ किया गया।
यातव्य है कि किसी भी महाविद्यालय को यूजीसी से मिलने वाला अनुदान अब नैक मूल्यांकन के उपरांत ही प्राप्त हो सकेगा। इसी क्रम में 17 और 18 अगस्त को महाविद्यालय निरीक्षण के दौरान टीम ने बिंदु वार महाविद्यालय की पिछले पांच वर्षों की शैक्षिक, सामाजिक,सांस्कृतिक एवं खेलकूद गतिविधियों का जायजा लिया । शिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण के दौरान किए गए नवाचार आदि का निरीक्षण किया गया। कंप्यूटर साइंस विभाग के सहायक प्राध्यापक श्री मनोज बरवे द्वारा स्वयं के वेबसाइट द्वारा शिक्षण कार्य को अच्छा प्रतिसाद मिला। वनस्पति विभाग के द्वारा निर्मित बॉटनिकल गार्डन,रसायन शास्त्र विभाग द्वारा संपन्न दो माइनर प्रोजेक्ट को नैक टीम ने सराहा। महाविद्यालय में आईसीटी शिक्षण, वर्मी कंपोस्ट वाटर हार्वेस्टिंग, एनएसएस गतिविधियों में रक्तदान शिविर, गोद ग्राम के विकास के लिए भी टीम ने महाविद्यालय को प्रोत्साहित किया। महाविद्यालय द्वारा रोजगार के लिए काउंसलिंग, प्लेसमेंट की व्यवस्थाए नेट. सेट एपीएससी एवं विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कैरियर मार्गदर्शन का आयोजनए विभिन्न विभागों द्वारा किए जा रहे शैक्षिक गतिविधियों के अतिरिक्त विभागीय कैलेंडर के अनुसार अन्य सह.शैक्षिक गतिविधियों के लिए भी महाविद्यालय के प्रयासों की सराहना की। महाविद्यालय के ग्रंथालय में उपलब्ध सुविधाओं की सराहना करते हुए ग्रंथालय का शीघ्र डिजिटलाइजेशन करने का निर्देश दिया गया। क्रीड़ा विभाग की गतिविधियों, क्रीड़ा विभाग में उपलब्ध मैदान और सुविधाओं का निरीक्षण किया गया। क्रीड़ा प्रभारी से आगामी कार्ययोजना के बारे में जानकारी ली गई।
नैक टीम ने महाविद्यालय की बहुत सी कमियों को प्राचार्य के सामने रखा। प्राचार्य महोदय ने नैक टीम को बताया हमारा महाविद्यालय कोयला अधिग्रहण क्षेत्र में आने के कारण निकट भविष्य में यहां से शिफ्ट होकर नवीन भवन में जाने वाला है जिसके लिए एसईसीएल द्वारा प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। इस कारण भी बहुत सी कमियों को हम दूर नहीं कर पा रहे हैं । अधिग्रहण क्षेत्र होने के कारण यहां निर्माण कार्य में प्रतिबंध है। महाविद्यालय नैक मूल्यांकन टीम ने जनभागीदारी समिति, भूतपूर्व छात्र समिति, पालक समिति एवं छात्र परिषद के सदस्यों के साथ भोजन किया। इन सभी समिति के साथ इनकी बैठक हुई। इस बैठक में महाविद्यालय के किसी भी शिक्षक अथवा कर्मचारी को बैठक में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं थी। इन सभी समितियों से महाविद्यालय में उपलब्ध सुविधाओं और कमियों आदि आदि के संबंध में विस्तार पर चर्चा की गई। छात्रों द्वारा दिए गए फीडबैक के आधार पर महाविद्यालय द्वारा प्रस्तुत स्व मूल्यांकन प्रतिवेदन का मिलान किया गया। सायंकाल महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा नैक टीम के समक्ष सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम का आरम्भ छत्तीसगढ़ के राजगीत से हुआ। तत्पश्चात करमा, पंथी एसुआ तथा राउत नाच की प्रस्तुति दी गई। नैक टीम सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति से प्रभावित हुए। 18 अगस्त को नैक टीम द्वारा महाविद्यालय शिक्षण का रिपोर्ट तैयार किया गया तथा एग्जिट मीटिंग में महाविद्यालय के प्राचार्य को रिपोर्ट सौंपते हुए महाविद्यालय के उज्जवल भविष्य की कामना की। इतनी कठिन परिस्थितियों में सन 1983 में महाविद्यालय के आरंभ के लिए संस्थापक श्री बोधराम कंवर जी की भूरी-भूरी प्रशंसा की गई। तथा महाविद्यालय के समस्त शिक्षकों कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप एशिया की सबसे बड़ी कोल माइंस थे ठीक 400 मीटर की दूरी पर ब्लास्टिंग और प्रदुषण के बीच विद्यादान का काम कर रहे हैं। इसके लिए पूरा महाविद्यालय परिवार साधुवाद के पात्र हैं। अंत में महाविद्यालय परिवार द्वारा नैक टीम को ससम्मान विदाई दी गई।
छत्तीसगढ़ सांस्कृतिक रूप से धनी राज्य: डॉ गुरदीप सिंह:-महाविद्यालय के छात्रों द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रम को देखने के बाद डॉ गुरदीप सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य सांस्कृतिक रूप से धनी राज्य है यहां हर त्यौहार हर पर्व के लिए अपने अपने गीत और नृत्य हैं। यह विशेषता छत्तीसगढ़ को विशिष्ट बनाती है। सांस्कृतिक और पारंपरिक जीवन मूल्यों को सहेजने की आवश्यकता है जिसे आप हम और हमारे महाविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा ही संभव हो सकता है।