December 23, 2024

13 खदानों को कंपनियों ने किया सरेंडर, छत्तीसगढ़ के तीन कोल ब्लाक


कोरबा 25 अगस्त। एक तरफ कोयले का संकट से पावर प्लांट अभी भी पूरी तरह से उबर नहीं पाए हैं तो दूसरी तरफ आवंटित कोल ब्लॉक को कंपनियां शुरु नहीं कर पा रही हैं। प्रदेश के तीन कोल ब्लॉक को कंपनियों ने शुरु नहीं कर पाने की स्थिति में सरेंडर करने का अनुरोध किया है।
कोयला मंत्रालय द्वारा मई में माफी योजना लागू की गई है। इसके मुताबिक आवंटित सरकारी कंपनियों को बिना किसी दंड के गैर प्रचालनरत कोयला खानों को सरेंडर करने के लिए वन टाइम विंडो की सुविधा दी गई है। बीते तीन महीने में देश भर के 13 कोयला खदानों को सरेंडर करने के लिए सरकारी कपंनियों ने कोल मंत्रालय से अनुरोध किया है। इसमें छत्तीसगढ़ के भी तीन कोल ब्लॉक हैं। इसमें से दो कोल ब्लॉक एनटीपीसी लिमिटेड को आवंटित हुए थे। जबकि एक कोल ब्लॉक गुजरात की सरकारी बिजली कंपनी गुजरात राज्य विद्युत कारपोरेशन लिमिटेड शामिल हैं। एनटीपीसी और जीएसईसीएल ने खदानों को सरेंडर करने का अनुरोध किया है। एनटीपीसी को बनई और भालूमुड़ा कोल ब्लॉक आवंटित हुई थी। जबकि गारे पाल्मा सेक्टर एक कोल ब्लॉक जीएसईसीएल को आवंटित हुई थी।

प्रदेश की 12 और कोयला खदानें ऐसी हैं जो आवंटित होने के बाद भी शुरु नहीं हो पा रही है। इसमें से चोटियाए गारे पाल्मा के अलग-अलग चार सेक्टर, परसा ईस्ट, तलाईपाली, परसा, गिधपुरी, पटुरिया, मदनपुर साउथ कोल ब्लॉक को शुरु करने में देरी कर रहे बालको, हिंडाल्को, छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी, अंबुजा सीमेंट, आंध्रप्रदेश खनिज विकास निगम लिमिटेड को नोटिस जारी किया गया है। 8 साल बाद बिजली की डिमांड 814 गीगावाट होने की संभावना है। इसे देखते हुए देश भर में बंद पड़े और शुरु नहीं हो पा रहे कोयला खदानों के लिए कोयला मंत्रालय द्वारा अब सख्ती की जा रही है। ताकि आने वाले वर्षों में कोयले की कमी से बिजली संकट की स्थिति न हो। मंत्रालय द्वारा हर हाल में जनवरी तक इन खदानों को प्रचलन में लाने की तैयारी कर रहा है। प्रदेश में अब भी नॉन पावर सेक्टर को पर्याप्त मात्रा में कोयला नहीं मिल पा रहा है। फरवरी से लेकर अब तक करीब छह.सात महीने से कोयले की आपूर्ति में कमी की गई है। बारिश की वजह से खदानों में कोयला उत्पादन लक्ष्य के मुताबिक नहीं हो पा रहा है। अगर आवंटित कोल ब्लॉक से कोल उत्पादन समय पर शुरु हो जाता तो छोटे उद्योगों को बड़ी राहत मिल सकती थी।

Spread the word