November 21, 2024

फर्जी वोटर आइडी कार्ड बनाए जाने का पर्दाफाश: आरोपी गिरफ्तार

कोरबा 4 सितम्बर। दर्री क्षेत्र के एक च्वाइस सेंटर में चल रहे फर्जी वोटर आइडी कार्ड बनाए जाने का पर्दाफाश पुलिस ने किया है। किसी अन्य का एपिक नंबर का उपयोग कर वोटर आइडी में नाम, पता बदल अन्य राज्य से आए लोगों को 800 रूपये लेकर वोटर आइडी बना दिया करता था। पुलिस ने 74 फर्जी वोट आइडी कार्ड जब्त किए हैं।

पुलिस सूत्रों के अनुसार दर्री थाना क्षेत्र अंतर्गत प्रेमनगर जेलगांव चौक के पास स्थित गज्जू डिजिटल नामक च्वाइस सेंटर का संचालक गजेंद्र साहू फर्जी वोटर आइडी कार्ड बनाने का काम लंबे समय से कर रहा था। इसका उपयोग विभिन्ना माइक्रो फाइनेंस कंपनी, बैंक व अन्य जगहों पर परिचय पत्र के रूप में किया जा रहा था। इसकी सूचना पर दर्री पुलिस की टीम ने च्वाइस सेंटर की निगरानी शुरू की। पुलिस को सेंटर में फर्जी वोटर आइडी कार्ड बनाने की पूरी रिपोर्ट मिलने पर छापा मारा। जहां संचालक गजेंद्र साहू ने पहले तो ऐसे किसी कार्य को करने से साफ इंकार कर दिया, लेकिन पुलिस ने उसके कृत्यों की जानकारी प्रस्तुत की, तो उसने स्वीकार किया की वो फर्जी वोटर आइडी बनाता है और अभी तक सैकड़ों कार्ड बना चुका है।

पुलिस ने उसके सेंटर से मोबाइल व कंप्यूटर से 74 फर्जी बनाए हुए वोटर आइडी कार्ड जप्त किए। पुलिस ने गजेंद्र के विरूद्ध धारा 420ए 467ए468ए471 के तहत मामला दर्ज करते हुए आरोपी के कब्जे से 74 नग फर्जी वोटर आइडी, मोबाइल, लैपटाप, डेस्कटाप, सीपीयू प्रिंटर. स्कैनर, लेमिनेटर जप्त करके गिरफ्तार कर लिया है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा ने बताया कि शासन ने च्वाइस सेंटर के माध्यम से वोटर आइडी कार्ड बनाने का कार्य एक वर्ष पहले बंद कर मतदाता पहचान पत्र सीधे मतदाता के पते पर भेजने के निर्देश जारी किया था। गजेंद्र अपने च्वाइस सेंटर की आइडी से किसी मतदाता परिचय पत्र का एपिक नंबर निकाल लेता था और उस कार्ड में फोटो व एड्रेस किसी और का डाल कर प्रिंट कर देता था। निर्वाचन अधिकारी के हस्ताक्षर वाले स्थान पर एसडीएम कटघोरा के स्कैन हस्ताक्षर को प्रिंट कर देता था। इससे वोटर आइडी कार्ड एकदम सही प्रतीत होते थे, जब तक एपिक नंबर को कोई चेक न करें।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वर्मा ने बताया कि इन आइडी का उपयोग विभिन्ना फाइनेंस कंपनियों, बैंकों में खाता व लोन के लिए व संस्थानों में गेट पास बनवाने किया जा रहा था। इसके लिए कुछ और लोगो के नाम भी सामने आए हैं। एजेंट का कार्य करते हुए फोटो व डाटा कलेक्ट करके गजेंद्र को देते थे। उनके संबंध में विवेचना व जानकारी प्राप्त करके कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही मामले में दर्री पुलिस निर्वाचन कार्यालय से भी जानकारी प्राप्त कर रही है।

Spread the word