विजयादशमी उत्सव पर आरएसएस ने निकाला पथ संचलन
कोरबा 10 अकटुबर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपना विजयादशमी पर्व प्रकट उत्सव के रूप में मनाया। कोरबा नगर के अंतर्गत विवेकानंद उपनगर दर्री जमनीपाली क्षेत्र में संगठन के द्वारा उत्सव आयोजित किया गया। यहां पर प्रतीक्षा बस स्टैंड से घोषदल के साथ पथ संचलन निकाला गया। बड़ी संख्या में स्वयंसेवकों की भागीदारी इसमें दर्ज हुई। प्रांत प्रचारक प्रेम शंकर सिदार और एचटीपीपी के पूर्व मुख्य अभियंता सुधीर रेगे यहां अतिथि के बतौर उपस्थित रहे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ वर्ष भर में 6 उत्सव मनाता है। विजयादशमी प्रकट उत्सव भी इनमे से एक है। कोरबा नगर के विवेकानंद उपनगर दर्री क्षेत्र में संगठन ने उत्सव के अंतर्गत पथ संचलन निकाला। केसरिया ध्वज और घोषदल के साथ स्वयंसेवक इसमे शामिल हुए। विभिन्न मार्गों का भ्रमण करने के बाद संचलन प्रतीक्षा बस स्टैंड पहुँचा। रास्ते मे कुछ स्थानों पर नागरिक समुदाय ने पुष्पवर्षा भी की। यहां पर भरे माता के जयकारे भी लगाए गए। इस दौरान लोहों में जबरदस्त उत्साह देखा गया। कार्यक्रम स्थल पर स्वयंसेवक समूह ने दंड योग, व अन्य शारिरिक प्रदर्शन किए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुधीर रेगे ने ईस अवसर पर अपनी बात रखी और शुभकामनाएं दी। उन्होंने राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में संघ की उपयोगिता को रेखांकित किया।
मुख्य वक्ता और छत्तीसगढ़ के प्रांत प्रचारक प्रेमशंकर सिदार ने अपने संबोधन में संघ की यात्रा और विजयादशमी उत्सव की अवधारणा पर विस्तार से रोशनी डाली। उन्होंने बताया कि विजयादशमी के दिन है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना महाराष्ट्र के नागपुर में की गई थी। इसके बाद के वर्षों में संघ पूरे भारत भर में अपनी जड़ों को स्थापित करने के साथ राष्ट्रभक्ति की भावना लोगों में भरने में सफल हुआ। विजयादशमी मूल रूप से विजय का पर्व है। इसके माध्यम से यह संदेश दिया जाता है कि हम राष्ट हित मे संगठन करेंगे। क्योंकि शक्ति संचय में बड़ी ताकत है। श्री सिदार ने राष्ट्रीय चुनौतियों का जिक्र भी अपने संबोधन में किया और बताया कि इससे निपटने के लिए क्या कुछ प्रयास भारत की ओर से किए जा रहे हैं। देश के नागरिकों से आवाहन किया कि राष्ट्र के लिए हम सभी को अपनी निष्ठा पूर्ण भूमिका का निर्वहन करना होगा।
मातृभूमि की वंदना के साथ यह कार्यक्रम पूर्ण हुआ। विभाग संघ चालक सत्येंद्र दुबे, जिला संघ चालक किशोर बुटोलिया, नगर संघ चालक डॉ विशाल उपाध्याय, हेमंत माहुलिकर, नरेश अग्रवाल, चन्दकिशोर श्रीवास्तव, सदानंद कुंदूर, विष्णु शंकर मिश्रा, कैलाश नाहक सहित कोरबा नगर के अंतर्गत आने वाले विभिन्न क्षेत्रों के स्वयंसेवकों की प्रत्यक्ष भागीदारी इसकी सफलता में सुनिश्चित हुई।