भारतीय जनता पार्टी सहकारिता प्रकोष्ठ जिला कोरबा की कामकाजी बैठक हुई संपन्न
कोरबा 10 अक्टूबर। भारतीय जनता पार्टी सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक शशिकांत द्विवेदी ने कोरबा जिले के सहकारिता प्रकोष्ठ के कार्यकारिणी की बैठक में हिस्सा लिया। जिले की बैठक को संबोधित करते हुये प्रदेश संयोजक श्री शशिकांत द्विवेदी ने कहा की कांग्रेस सरकार सहकारिता को नेस्तनाबूत करने पर तुली हुई है। सहकारी समितियों के कार्यकाल समाप्त होने के बावजूद भी निर्वाचन नहीं कराया जाना लोकतांत्रिक परंपरा का अवमूल्यन है। श्री द्विवेदी ने बैठक को संबोधित करते हुए बताया कि जब से कांग्रेस सरकार अस्तित्व में आई है लगातार सहकारिता को समाप्त करने का षड्यंत्र रच रही है। जबकि भाजपा शासनकाल में केसीसी ऋण धारकों को बिना ब्याज पर कर्ज दिए जाने की शुरुआत की गई थी एवं गरीबों को 1 रुपए प्रति किलो की दर से चावल दिए जाने की भी शुरुआत भाजपा शासनकाल में की गई थी। इससे न केवल सदस्यों का सहकारिता पर विश्वास बढ़ा है बल्कि सहकारिता भी मजबूत हुई थी। साथ ही निरंतर समयावधि में निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव भी कराए जाते रहे हैं। किंतु विगत वर्षों में सभी 1333 सहकारी समितियों के निर्वाचित बोर्ड को पुनर्गठन के नाम पर भंग कर दिया गया था। क्योंकि सहकारिता में भाजपा समर्थित सदस्यों का कब्जा था। माननीय उच्च न्यायालय में याचिका दायर किया गया। परिणाम स्वरूप पुन: बोर्ड की बहाली हुई। किंतु बिना किसी परिस्थिति जन्य कारणों के भी कांग्रेस सरकार द्वारा समयावधि में सोसायटीयों का निर्वाचन नहीं करा कर लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन किया गया है।
श्री द्विवेदी ने बताया कि सहकारिता विभाग तथा सहकारी बैंकों के कर्मचारियों को प्रथमत: प्राधिकृत अधिकारी पदस्थ किया गया।जिसमें सोसाइटीयों में फर्जी प्रस्ताव कर अनाप-शनाप आहरण किए जाने की भी जानकारी प्राप्त हो रही है। अब जबकि धान खरीदी सन्निकट आने पर एक बार पुन: छत्तीसगढ़ सहकारी सोसायटी अधिनियम और नियमों में संशोधन कर कांग्रेस के सदस्यों ;अशासकीय व्यक्तियोंद्ध को उपकृत करने के लिए मुख्यमंत्री के क्षेत्र पाटन तथा धमधा आदि क्षेत्रों में बतौर प्राधिकृत अधिकारी मनोनीत कर दिया गया है। माना जा रहा है कि सभी 2058 सोसाइटीयों में कांग्रेस के नुमाइंदों को मनोनीत किए जाने की तैयारी चल रही है। इससे न केवल भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा बल्कि कांग्रेस सरकार लोकतंत्र का गला घोंटना चाहती है। आखिर कांग्रेस सरकार सहकारिता का चुनाव कराने में इतनी डरी सहमी क्यों है। श्री द्विवेदी ने सहकारी समितियों का तत्काल चुनाव कराए जाने की मांग की है। श्री द्विवेदी ने कहा कि भाजपा के दबाव में आकर और विधानसभा चुनाव सन्निकट देखते हुए भूपेश सरकार ने 1 नवंबर से धान खरीदी किए जाने की घोषणा की है। इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश संयोजक श्री द्विवेदी ने बताया कि धान खरीदी सेंटरों में निगरानी के लिए भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ द्वारा निगरानी समिति का गठन किया जायेगा।
श्री द्विवेदी ने वनांचल क्षेत्र में वनवासियों के शोषण का जिक्र करते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ द्वारा तेंदूपत्ता की तुड़ाई प्रतिवर्ष की जाती है। जिसके तहत तेंदूपत्ता संग्राहक परिवार के पढऩे वाले मेघावी छात्रों को छात्रवृत्ति दिए जाने का प्रावधान रहा है।किंतु तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों के पढऩे वाले सात हजार से ज्यादा मेधावी छात्रों को शैक्षणिक सत्र 2020-21 में ? 17 करोड़ की राशि को बतौर छात्रवृत्ति नहीं दी गई और 2021-22 की भी छात्रवृत्ति नहीं दी गई। साथ ही सामाजिक सुरक्षा बीमा योजना का लाभ भी उन्हें नहीं दिया जा रहा है। जिसकी राशि 40 करोड़ रुपए होती है। एवं 2020 से तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों को बोनस की राशि भी नहीं दी जा रही है। इसके लिए संग्राहक परिवार का बैंक में खाता नहीं होने का बहाना बनाया जा रहा है। जबकि सुकमाए दंतेवाड़ा और बीजापुर जिलों में बोनस की राशि नगद दिए जाने का प्रावधान शासन द्वारा किया गया है। फिर भी 2020 से तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों को बोनस नहीं दिया जा रहा है। इन सभी विषयों को लेकर तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों ने माननीय राज्यपाल महोदया से गुहार लगाई। महामहिम राज्यपाल महोदया ने इसे संज्ञान में लेते हुए राज्य सरकार को शीघ्र भुगतान करने का निर्देश जारी किया है। तब कहीं जाकर के छात्रों को छात्रवृत्ति दिए जाने का मार्ग प्रशस्त हुआ । इस प्रकार श्री द्विवेदी ने कांग्रेस सरकार पर सहकारिता को कुचलने का आरोप लगाया है और मांग की है कि सहकारी समितियों का तत्काल निर्वाचन कराया जाए वरना न्यायालय की शरण लेनी पड़ेगी। साथ ही भविष्य की रूपरेखा भी बैठक में तय की गई। बैठक में प्रमुख रूप से जिला भाजपा महामंत्री संतोष देवांगन, जिला मंत्री संदीप सहगल, जिला मीडिया प्रभारी मनोज मिश्रा, सहकारिता प्रकोष्ठ के जिला संयोजक रामकुमार गबेल, सह संयोजक मो नियाज नूर आरबी, सह सयोंजक देवेंद द्विवेदी, रामशंकर राठौर, होमलाल आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।