December 23, 2024

स्वसहायता समूह की महिलाओं ने देसी जुगाड़ से बनाया इको डॉल्बी सिस्टम

कोरबा 07 नवम्बर। बांस के बने खिलौनों से लेकर बांसुरी तक लोगों की पसंद होते हैं। अलग-अलग आकृतियां अलग उपयोग की होती हैं। कुछ इसी तरह की आकृति टीपीनगर स्थित सी-मार्ट में काम करने वाली एक महिला समूह की सदस्यों ने तैयार की हैं और उसे बाजार में उतार कर मुनाफा भी कमा रही हैं।

स्वसहायता समूह की महिलाओं ने बांस का एक देसी जुगाड़ वाला स्पीकर तैयार की हैं। इसके लिए बांस के मोटे टुकड़े का इस्तेमाल किया गया है। गोलाकार टुकड़े को काटकर दोनों सिरे से खुला छोड़ा गया है। छोटी लकडिय़ों का स्टैंड भी नीचे की तरफ फिट कर दिया गया हैए ताकि इसे एक जगह रखा जा सके। छोटे मोबाइल से लेकर टेबलेट के लिए भी इसी तरह के इको डॉल्बी सिस्टम तैयार किए हैं। इसे बनाने में पूरी तरह से देसी जुगाड़ तकनीक का उपयोग किया गया है। इसे मोबाइल स्टैंड के साथ ही एक पोर्टेबल साउंड वाला स्पीकर भी कहा जा सकता है। बांस से बने इको डॉल्बी सिस्टम की कीमत 160 रुपए से शुरू होती है। मोबाइल के अलग-अलग साइज के हिसाब से तैयार किया है। सबसे अधिक कीमत वाले इको डॉल्बी सिस्टम का दाम 250 रुपए है। कम कीमत पर इसकी खासी डिमांड लोग कर रहे हैं। इससे अच्छी आमदनी होने की उम्मीद महिलाएं जता रही हैं।

क्या है इसकी विशेषता: इको डॉल्बी सिस्टम बांस से निर्मित एक देसी जुगाड़ वाला डिवाइस है। जिसमें मोबाइल से निकलने वाले साउंड को बढ़ाने की खूबी है। जब आप अपने मोबाइल में कोई गाना प्ले कर ईको डॉल्बी में फिट करेंगे, तब इस डिवाइस की बनावट के कारण साउंड काफी हद तक बढ़ जाता है। यह कम से कम एक कमरे में सुनने लायक होता है। इको सिस्टम डिवाइस को सी मार्ट से खरीदा जा सकता है। सी मार्ट में काम करने वाली महिला समूह की सदस्य निर्मला कहती हैं कि इस डिवाइस की डिमांड मार्केट में अच्छी खासी है। इसे इस तरह से तैयार किया है कि मोबाइल को जब इसके अंदर रखा जाता है तो साउंड काफी हद तक बढ़ जाती है। वहीं सेल्स गर्ल शांति साहू के अनुसार इसे लोग मोबाइल फोन रखने के स्टैंड की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। इसलिए इसकी डिमांड अच्छी है। जितने भी इको डॉल्बी डिवाइस हमारे पास बनकर आते हैं, सभी कुछ दिनों में ही बिक जाते हैं।

Spread the word