November 8, 2024

कही-सुनी – रवि भोई

मरवाही का दंगल
उपचुनाव की घोषणा से पहले मरवाही में जीत के लिए जिस तरह कांग्रेस, भाजपा और जोगी कांग्रेस की तैयारी चल रही है , उससे तो साफ लग रहा है कि मरवाही का दंगल बड़ा रोचक और संघर्षपूर्ण होने वाला है। सत्तारूढ़ कांग्रेस ने गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में विकास की गंगा बहाने में लग गई है। जिला के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नगर पंचायत बनाने और कई निर्माण कार्यों का ऐलान किया है। कांग्रेस ने इस सीट को जिताने की जिम्मेदारी मंत्री जयसिंह अग्रवाल को सौंपी है। कहते है कांग्रेस ने यह सीट हर हाल में जीतने का लक्ष्य रखा है। कुछ नेता तो एक लाख वोटों से जीतने का दावा कर रहे हैं। यह अलग बात है कि 2018 के चुनाव में जब प्रदेश में कांग्रेस की लहर थी और उसे 68 सीटों पर जीत हासिल हुई, तब मरवाही में वह तीसरे स्थान पर रही। कांग्रेस से अलग होकर चुनाव लड़े स्व. अजीत जोगी यहाँ अपने बूते 46 हजार से अधिक वोटों से जीत दर्ज की। अब उनके निधन से रिक्त सीट पर चुनाव में सहानुभूति की लहर चलती है या विकास की गंगा बहती है। इसका इंतजार लोगों को है।
समय से पहले प्रमोशन की परंपरा
छत्तीसगढ़ में आईएएस अफसरों को समय से पहले प्रमोशन देने की परंपरा बन गई है। पिछली सरकार ने गणेश शंकर मिश्रा को रिटायमेंट के पहले प्रमोशन देने के लिए 1994 बैच के आईएएस अफसरों को समय से पहले प्रमुख सचिव बना दिया था। नियमानुसार 25 साल की सेवा के बाद आईएएस प्रमुख सचिव के हकदार और 30 साल की सेवा के बाद अपर मुख्य सचिव के पात्र होते हैं। कांग्रेस सरकार ने आईएएस रेणु पिल्लै को 29 साल की सेवा और सुब्रत साहू को 28 साल की सेवा में ही अपर मुख्य सचिव के तौर पर प्रमोट कर दिया। 1997 बैच के आईएएस सुबोध सिंह, निहारिका बारीक और एम. गीता प्रमुख सचिव बनने की कतार में है। इनकी सेवा अभी 23 साल ही हुई है। पिछला अनुभव को देखते हुए कहा जा रहा है कि 1997 बैच को भी समय से पहले प्रमोशन दे दिया जायेगा। सुबोध सिंह केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति में चले गए हैं।
निगम-मंडल की दूसरी सूची अटकी
ऐसा लग रहा था कि निगम-मंडल में कांग्रेस नेताओं की नियुक्ति की दूसरी सूची अगस्त के पहले हफ्ते में ही जारी हो जाएगी। कांग्रेस के प्रभारी महासचिव पी एल पुनिया की मौजूदगी में बैठक भी हो गई। कहते हैं नेताओं में नामों को लेकर आम सहमति न होने से मामला लटक गया है। चर्चा है कि कांग्रेस के एक नेता अधिक से अधिक अपने समर्थकों को पद दिलवाना चाहते थे, इसको लेकर भी नेताओं में खींचतान की खबर है। कुछ लोगों का कहना है दूसरी सूची कहीं मरवाही उपचुनाव तक न खींच जाय।
किसान और जल आयोग की खबर
कहते हैं कांग्रेस सरकार पार्टी के दो वरिष्ठ विधायकों को खुश करने के लिए दो आयोग बनाने पर विचार कर रही है। इसमें एक किसानों से जुड़ा और दूसरा सिंचाई से संबंधित हो सकता है। वैसे खबर है कि सरकार सहकारी व मंडी समितियों से लेकर गौठान समितियों में अपने कार्यकर्ताओं के लिए जगह की व्यवस्था में जुटी है और भाजपा सरकार में अस्तित्वहीन कर दी गई समितियों को जिन्दा करने की सोच रही है।
पद के लिए पांव पर
निगम-मंडल में पदाधिकारी बनने के लिए कांग्रेस के छोटे-बड़े नेता सभी उतावले हैं। मौका हाथ से जाने नहीं देना चाहते हैं। कहते हैं निगम-मंडल में पदाधिकारी बनने की इच्छुक कांग्रेस की एक महिला नेता पार्टी के एक बड़े नेता के दरबार में सुबह-सुबह पहुंच गई और बड़े नेताजी जैसे ही बाहर निकले उनके पांव पर गिर गई । कोरोना काल में जब सामाजिक दूरी को बल दिया जा रहा है ऐसे में पांव पकड़ लेने से नेताजी घबरा गए और उन्होंने महिला कार्यकर्त्ता को आश्वासन देकर पिंड छुड़ाया, फिर राहत की साँस ली।
सीडी कांड और सीबीआई
छत्तीसगढ़ में सीबीआई प्रतिबंधित है और राज्य की चर्चित सीडी कांड की जाँच सीबीआई के पास है। सीबीआई इसकी जाँच दिल्ली ट्रांसफर के लिए सुप्रीम कोर्ट गई है। सुप्रीम कोर्ट में सात अगस्त को सुनवाई थी। अब 25 अगस्त को पेशी है। सुप्रीम कोर्ट की तरफ सबकी निगाहें हैं।
(-लेखक, पत्रिका समवेत सृजन के प्रबंध संपादक और स्वतंत्र पत्रकार हैं।)
(डिस्क्लेमर – कुछ न्यूज पोर्टल इस कालम का इस्तेमाल कर रहे हैं। सभी से आग्रह है कि तथ्यों से छेड़छाड़ न करें। कोई न्यूज पोर्टल कोई बदलाव करता है, तो लेखक उसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। )
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