भरभराकर गिरा जर्जर आंगनबाड़ी केंद्र भवन
कोरबा। नगर पालिक निगम के वार्ड क्रमांक 32 में संचालित आंगनबाड़ी भवन पिछले 10 वर्ष से जर्जर अवस्था में पड़ी हुई है। वार्ड पार्षद भवन को गिराने के लिए कई बार प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं। इसके बाद भी शासन प्रशासन ने इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की। इस बीच कल देर शाम आंगनबाड़ी का भवन भरभरा कर अचानक गिर गया।
पार्षद अजय ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र के बगल में प्राथमिक शाला स्कूल संचालित है। यहां पढ़ने वाले बच्चे खेलने के लिए आंगनबाड़ी भवन की ओर की जाते हैं, लेकिन यह घटना शाम को घटित हुई। यदि यही घटना सुबह होती तो कहीं न कहीं एक बड़ी दुर्घटना सामने आती। नगर निगम व ग्रामीण अंचल में संचालित दर्जनों आंगनबाड़ी भवन अभी भी जर्जर स्थिति में पड़े हुए हैं। एकीकृत महिला एवं बाल विकास विभाग से बच्चों एवं महिलाओं में कुपोषण दूर करने के लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है, परंतु ये आंगनबाड़ी केन्द्र शहरी व ग्रामीण अंचलों में बदहाली का शिकार होते जा रहा है। कहीं भवन जर्जर है तो कहीं और कुछ समस्या है। इसके चलते ज्यादातर केन्द्रों में बच्चों की दर्ज संख्या में निरंतर गिरावट आ रही है। डिंगापुर के आंगनबाड़ी केन्द्र के भवन काफी जर्जर हालत में हैं। यहां के भवनों में बड़े-बड़े दरार स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं। साथ ही छत के प्लास्टर भी उखड़े-उखड़े हैं और गिर रहे हैं। इसके चलते किसी भी अनहोनी की आशंका हमेशा बनी रहती है। इस वजह से भी यहां इक्का-दुक्का बच्चों की ही उपस्थिति दर्ज हो रही है। इन बच्चों के अभिभावकों का कहना है कि यहां छत का प्रतिदिन प्लास्टर टूटने की घटना से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। भवन की इस खराब हालत के बाद सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकान में आंगनबाड़ी केन्द्र का संचालन किया जा रहा है। इस बदहाली के चलते ही शासन की नोनी सुरक्षा योजना एवं कुपोषण से बचने का आहार भी जरूरतमंद बच्चों को नहीं मिल पा रहा है।