गोधन न्याय योजना में लापरवाही नहीं की जाएगी बर्दाश्त : कलेक्टर
0 कृषि विभाग की समीक्षा बैठक में संजीव झा ने दिए निर्देश
कोरबा। कलेक्टर संजीव झा ने जिला पंचायत सभा कक्ष में गुरुवार को कृषि विभाग की समीक्षा बैठक ली। बैठक में कलेक्टर ने राज्य शासन की फ्लैगशिप गोधन न्याय योजना के जिले में सक्रिय संचालन और योजना की मॉनिटरिंग के बारे में विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने जिले के गौठानों में गोधन न्याय योजना का गंभीरता पूर्वक संचालन करने तथा नियमित तौर पर इसकी मॉनिटरिंग करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
कलेक्टर झा ने कहा कि गोधन न्याय योजना के संचालन में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने योजनांतर्गत नियमित तौर पर गौठानों में गोबर खरीदी करने तथा खरीदे गए गोबर का सही अनुपात में वर्मी कम्पोस्ट निर्माण करने के निर्देश दिए। बैठक में शामिल ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों को गोबर खरीदी से लेकर वर्मी कम्पोस्ट निर्माण के विभिन्न चरणों का तिथिवार शेड्युल बनाकर लगातार मॉनिटरिंग करने कहा। उन्होंने सभी एसएडीओ को निर्धारित प्रारूप में शेड्युल बनाने तथा सभी गौठानों के नोडल अधिकारियों के साथ साझा करने के भी निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि शेड्युल के अनुसार कार्य करने से गोबर खरीदी से वर्मी कम्पोस्ट निर्माण तक के विभिन्न चरणों के संपादन में आसानी होगी। साथ ही खरीदे गए गोबर के 40 फीसदी अनुपात में वर्मी कम्पोस्ट निर्माण में भी मदद मिलेगी। कृषि विभाग की समीक्षा बैठक में जिला पंचायत के सीईओ नूतन कंवर, उपसंचालक कृषि अजय अनंत, सहायक संचालक कृषि देवेंद्र कंवर सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।
कलेक्टर झा ने समीक्षा बैठक में जिले की स्व-सहायता समूह की महिलाओं को वर्मी कम्पोस्ट निर्माण में सक्रिय करने के निर्देश दिए। उन्होंने गौठानों में बनाये जा रहे वर्मी कम्पोस्ट की सही समय पर सैम्पलिंग करने तथा सैम्पलिंग रिजल्ट पश्चात् खाद की छनाई करने के लिए भी कहा। कलेक्टर ने सभी नोडल अधिकारियों और कृषि विस्तार अधिकारियों को गौठानों की नियमित मॉनिटरिंग करने कहा। साथ ही स्थायी-अस्थायी शेड में ही गोबर की खरीदी सुनिश्चित करने, प्रतिदिन कम से कम दो क्विंटल गोबर की खरीदी करने के लिए भी निर्देशित किया। उन्होंने बड़े किसानों से गौठानों में पशुचारा की उपलब्धता के लिए पैरादान करवाने किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए भी कहा। कलेक्टर झा ने कृषि अधिकारियों को पंचायत सचिव और नोडल अधिकारियों से समन्वय कर गौठान प्रबंधन समितियों की बैठक एक सप्ताह में सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।