वर्मी खाद बेचकर महिलाओं ने की 4.65 लाख की कमाई
0 गौठान बन रहे हैं आजीविका संवर्धन के केंद्र
0 ग्रामीण महिलाओं की आर्थिक स्थिति हो रही मजबूत
कोरबा। छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना के सकारात्मक परिणाम लगातार दिखाई दे रहे हैं। इसी श्रंृखला में जनपद पंचायत कटघोरा के ग्राम पंचायत कोरई के भगवती स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने गौठान में 1187 क्विंटल वर्मी खाद बना कर उसे बेचकर 4 लाख 65 हजार 304 रुपये की कमाई की है। इससे महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है। वर्मी खाद से लाभ अर्जित कर ग्रामीण महिलाएं खुश हैं। कलेक्टर संजीव कुमार झा के दिशा-निर्देशन में जिले में गोधन न्याय योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए योजना की सतत् समीक्षा की जा रही है। सघन दौरा कर योजना के कार्यों की मॉनिटरिंग भी की जा रही है, जिसके आशातीत परिणाम फील्ड में देखने को मिल रहे हैं।
सीईओ जिला पंचायत नूतन कुमार कंवर ने बताया कि गोधन न्याय योजना से जहां शहरी और ग्रामीण लोगों को गोबर बेचकर आर्थिक लाभ मिल रहा है, वहीं दूसरी ओर स्व-सहायता समूह की ग्रामीण महिलाएं गुणवत्तापूर्ण जैविक खाद बनाने के बाद उसे बेचकर लाखों रुपये का लाभ अर्जित कर रहीं हैं, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिल रही है। भगवती स्व-सहायता समूह की सदस्य सुखमत बाई ने बताया कि उनके समूह की 9 महिला सदस्य गौठान में खरीदे गए गोबर से वर्मी खाद तैयार करती हैं। उन्होंने बताया कि वर्मी खाद तैयार करने के लिए उन्हें कृषि विभाग से प्रशिक्षण भी दिया गया है। इसके सहयोग से उनके समूह ने अब तक 1262 क्विंटल वर्मी खाद तैयार किया है, जिसमें 1187 क्विंटल खाद बनाने के बाद उसे बेचकर 4 लाख 65 हजार 304 रुपये का लाभ कमाया है। उन्होंने बताया कि अभी बैंक से 4.27 लाख रुपये निकालकर सभी महिला सदस्यों ने आपस में बांट लिए हैं, शेष राशि बैंक में जमा है। उन्होंने बताया कि गोधन न्याय योजना से ग्रामीण महिलाओं के जीवन में बदलाव आ रहा है। इससे ग्रामीणों को स्वरोजगार के नए अवसर मिल रहे हैं, जिससे गांव में ही खरीदे गए गोबर से खाद बनाकर और बेचकर आर्थिक लाभ मिल रहा हैं। गांव में ही स्वरोजगार मिलने से हम महिलाएं आर्थिक रूप से संपन्न हुई है और उनके जीवन में खुशहाली आई है।