जल जीवन मिशन में 300 करोड़ का भष्ट्राचार, केंद्र सरकार तक पहुंची शिकायत
0 भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ के जिला संयोजक मो. न्याज नूर आरबी ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को लिखा पत्र
कोरबा। आकांक्षी जिला कोरबा में जल जीवन मिशन के कार्यों में व्याप्त भ्रष्टाचार की शिकायतें बढ़ने लगी है। कोरबा में 300 करोड़ की लागत से स्वीकृत कार्यों में भष्ट्राचार की शिकायत केंद्र सरकार तक पहुंच गई है। भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ के जिला संयोजक मो. न्याज नूर आरबी ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री भारत सरकार को पत्र लिखकर कार्यों में गुणवत्ता, तकनीकी मापदण्डों की अनदेखी सहित अफसरों पर भारी भरकम कमीशन मांगे जाने का आरोप लगाते हुए केंद्रीय टीम गठित कर जांच की मांग कर खलबली मचा दी है।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री भारत सरकार गजेंद्र सिंह शेखावत को लिखे पत्र के माध्यम से भाजपा जिला सहकारिता प्रकोष्ठ के संयोजक मो. न्याज नूर आरबी ने उल्लेख किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा अनुरूप जल जीवन मिशन लागू करने का उद्देश्य 2024 तक देश के प्रत्येक परिवार में नल का स्वच्छ पानी उपलब्ध कराना है। इसके लिए केंद्र शासन ने पीएचई विभाग को करोड़ों रुपयों का बजट उपलब्ध करवाया है। जल जीवन मिशन के अंतर्गत राज्य को पानी की कमी वाले क्षेत्रों, गुणवत्ता प्रभावित गांवों, आकांक्षी जिलों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति बाहुल्य गांवों और सांसद आदर्श ग्राम योजना (एसएजीवाई) गांवों को भी प्राथमिकता देने की जरूरत है। उल्लेखनीय है कि 7 अगस्त 2021 को रायपुर में हुई समीक्षा बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को आश्वासन दिया था कि राज्य जल जीवन मिशन लागू करने की गति बढ़ाने तथा सितंबर 2023 तक जिला कोरबा समेत छत्तीसगढ़ के शेष 39.59 लाख परिवारों को नल के पानी की आपूर्ति करने के लिए आवश्यक कदम उठाएगा। इसके फलस्वरूप केंद्रीय जल शक्ति मंत्री शेखावत ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि हर घर जल लक्ष्य हासिल करने में राज्य को पूरा समर्थन दिया जाएगा, लेकिन बड़े ही दुर्भाग्य की बात है कि देश के 110 पिछड़े (आकांक्षी) जिलों में शामिल आदिवासी बाहुल्य छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में इस केंद्र प्रवर्तित योजना से तकरीबन 300 करोड़ का बजट आने के बाद भी विभागीय अफसरों एवं ठेकेदारों की जुगलबंदी में यह भष्ट्राचार का मिशन बन गया है।