November 8, 2024

जनपद सदस्य, सरपंच पति सहित ग्रामीणों पर एफआईआर

0 बलवा सहित अन्य धाराओं में बनाए गए आरोपी
कोरबा।
एसईसीएल की अनदेखी से नाराज और लगातार गुहार लगाने के बाद भी जब सुनवाई नहीं हुई तो ग्रामीणों ने सड़क पर बैठकर कोयला परिवहन एवं खदान में उत्पादन कार्य को ठप कराया। सड़क और मूलभूत सुविधाओं की मांग के लिए आंदोलनरत ग्रामीणों पर एफआईआर दर्ज कराई गई है। एफआईआर के बाद ग्रामीणों में नाराजगी देखी जा रही है।
एसईसीएल की रानी अटारी विजय वेस्ट भूमिगत खदान में रोड सेल व साइडिंग के ट्रकों के दिन-रात चलने से रानी-अटारी से कोरबी के मध्य 22 किलोमीटर की सड़क काफी जर्जर हो चुकी है। बड़े-बड़े गड्ढों और उड़ते धूल के कारण पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। पिछले तीन साल से यह सड़क पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी है। ग्रामीणों के साथ-साथ पाली-तानाखार के विधायक मोहित राम केरकेट्टा भी इस मसले पर एसईसीएल के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए पत्र लिख चुके हैं। नतीजा शून्य रहने पर क्षेत्र के जनपद सदस्य दीपक कुमार उदय ने 11 जनवरी को पोड़ी-उपरोड़ा एसडीएम को पत्र लिखकर 20 जनवरी से अनिश्चितकालीन गेट बंद कर कोयला परिवहन एवं उत्पादन बंद कराने की सूचना दी थी। दूसरी ओर कोरबी चौकी पुलिस ने रानी अटारी विजय वेस्ट भूमिगत खदान के कर्मी उमेश शर्मा पिता केआर शर्मा की रिपोर्ट पर जनपद सदस्य दीपक कुमार उदय, ग्राम पंचायत सरमा के सरपंच पति सहित सुरेंद्र नेटी, संतोष सिंह, भोले, जितेंद्र आयाम, राजकुमार राजवाड़े पप्पन, जगधारी साहू का बेटा, पप्पू पटेल और अन्य लोगों के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किया है। रानी अटारी से कोरबी आम रोड तिराहा ग्राम सरमा में 20 जनवरी को शाम लगभग 6 बजे एक राय होकर बलपूर्वक आम रास्ता रोककर गाली गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी देते हुए मारपीट करने पर उतारू होने की रिपोर्ट 21 जनवरी को लिखाई गयी। उक्त ग्रामीणों के विरुद्ध कोरबी चौकी में शून्य पर धारा 143, 147, 149, 341, 294 व 506 भादवि के तहत जुर्म दर्ज कर विवेचना की जा रही है। सड़क निर्माण सहित रोजगार, पेयजल, स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग कर 20 जनवरी को सुबह 8 बजे से ग्राम सरमा चौक में ग्रामीणों ने आंदोलन शुरू किया। विजय वेस्ट तथा रानी अटारी के मुख्य गेट पर ताला लगाकर ग्रामीण यहां भी प्रदर्शन शुरू किए। बाद में एसईसीएल के अधिकारियों ने आगामी 1 अप्रैल से सडक़ मरम्मत-नवीनीकरण का कार्य प्रारंभ करा देने और अभी गड्ढों को भरकर चलने लायक बनाने व नियमित पानी छिड़काव कराने के लिखित आश्वासन के बाद आंदोलन खत्म किया गया। यहां पूरे समय पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए देखी गई।

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