November 22, 2024

पालक, लाल भाजी और पलाश के फूलों से तैयार किया जा रहा हर्बल गुलाल

0 बिहान स्व-सहायता समूह की महिलाएं बना रही है 11 क्विंटल गुलाल, 44 हजार का होगा मुनाफा
कोरबा।
आजीविका मिशन के तहत हर्बल गुलाल बनाने के लिए सब्जियों के प्राकृतिक रंगों से रंगकर और उसमें गुलाब गेंदा, पलाश के फूलों की पंखुड़ियों, गुलाब जल, इत्र आदि मिलाकर हर्बल गुलाल बनाया जा रहा है। पलाश के फूलों से केसरिया गुलाल, पालक भाजी से हरे रंग का गुलाल तथा लाल भाजी से लाल रंग का गुलाल तैयार किया जा रहा है। इस गुलाल में रासायनिक पदार्थों का उपयोग नहीं होने से यह गुलाल त्वचा, आंख, बाल आदि के लिये हानिकारक नहीं है। मानव अनुकूल होने से इस हर्बल गुलाल को बिना किसी चिंता के होली के त्योहार में उपयोग किया जा सकता है।

जिले में राष्ट्रीय आजीविका मिशन बिहान के स्व-सहायता समूह की महिलाएं रंगों के पर्व होली के लिए पालक लाल भाजी और पलाश के फूलों से गुलाल तैयार कर रही हैं। रासायनिक पदार्थों से मुक्त ये हर्बल गुलाल जहां स्वास्थ्य की दृष्टि से अनुकूल है वहीं इस तैयार गुलाल से समूह की महिलाओं को 44 हजार रुपये का सीधा लाभ मिलेगा। कलेक्टर संजीव झा ने राष्ट्रीय आजीविका मिशन एवं ग्राम सुराजी योजना के तहत् ग्रामीण महिलाओं के आजीविका संर्वधन हेतु नित नये प्रयास कर रहे हैं। इसी कड़ी में जनपद पंचायत कटघोरा के जननी संकुल संगठन धवईपुर की ओर से समूह की महिलाओं को रसायन मुक्त गुलाल बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है। जिला पंचायत के सीईओ नूतन कंवर ने बताया की जनपद पंचायत पोड़ी उपरोड़ा के तुलसी स्व-सहायता महिला समूह, कैलाश स्व-सहायता महिला समूह एवं सरस्वती स्व-सहायता महिला समूह द्वारा पांच क्विंटल एवं जनपद पंचायत कटघोरा के जननी संकुल संगठन धवईपुर की ओर से 6 क्विंटल कुल 11 क्विंटल गुलाल तैयार किया जा रहा है। होली त्योहार पर यह हर्बल गुलाल स्थानीय बाजारों, सी-मार्ट, आउटलेट, ग्राम संकुल संगठन के माध्यम से बिक्री किया जायेगा, जिसका सीधा आर्थिक लाभ ग्रामीण महिलाओं को मिलेगा। जननी संकुल संगठन धवईपुर की अध्यक्ष ललिता बिंझवार ने बताया कि यह हर्बल एवं प्राकृतिक गुलाल प्रति किलोग्राम तैयार करने में 60 रुपये की लागत आती है और इसे हम बाजार में 100 रुपये प्रति किलो की दर से बेचते हैंख् जिससे प्रति किलो 40 रुपये का मुनाफा होता है। इस प्रकार कुल 11 क्विंटल गुलाल की बिक्री पर महिलाओं को सीधे 44 हजार रुपये का लाभ मिलेगा।

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