सीएसईबी कॉलोनी में लाखों खर्च के बाद भी कचरे का नहीं हो रहा नियमित उठाव
0 स्वच्छ भारत मिशन की उड़ रही धज्जियां
कोरबा। सीएसईबी कॉलोनी में केंद्र सरकार के स्वच्छ भारत मिशन का माखौल उड़ रहा है। विद्युत कंपनी साफ सफाई के नाम पर हर माह लाखों रुपये खर्च कर रही है, मगर सफाई कार्यों के नियमित मॉनिटरिंग के अभाव में कचरे का उठाव नहीं हो रहा है। इससे कॉलोनीवासियों की परेशानी बढ़ गई है। पैक हो चुके कूड़ेदान में आग लगाने की नौबत है। प्रदूषण व धुंआ लोगों को परेशान कर रहा है।
राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी के सीएसईबी कोरबा पूर्व कॉलोनी में कचरा उठाव व्यवस्था का बुरा हाल है। महीनों से कूड़ादान में भरे कचरों का उठाव नहीं हुआ है। पैक कूड़ादान से कचरा उड़कर घरों व आंगन में घुस रहा है। सीएसईबी ने साफ सफाई की व्यवस्था ठेके पर दी है। मगर व्यवस्था की मॉनिटरिंग नहीं होने से कॉलोनी में कचरे का ढेर लगा हुआ है। कॉलोनी में कचरा संग्रहण के लिए सीमेंट के कूड़ादान बनाए गए हैं, जिसमें लोग घर से निकलने वाला कचरा डालते हैं। वैसे तो इस कूड़ादान के कचरों का उठाव नियमित तौर पर होना चाहिए, मगर लापरवाही के कारण इस ओर ध्यान नहीं दिए जाने से कॉलोनी के अधिकांश ब्लॉक के कूड़ेदान पैक हो चुके हैं। ऐसे में कूड़ादान का कचरा हवा चलते ही इधर उधर बिखर जाता है। हवा के साथ उड़कर कचरा लोगों के घरों व आंगन में पहुंचता है। इससे बचने लोगों को मजबूरी में कूड़ादान में आग लगाना पड़ता है, ताकि कचरा न फैले। मगर इसमें परेशानी यह है कि कूड़ेदान में लगाया गया आग काफी देर तक सुलगता रहता है, जिससे उठने वाला धुआं लोगों के घरों में घुसता है। वहीं मवेशी भी भोजन के तलाश में कूड़ादान में मुंह मारते हैं। आग के कारण उनके घायल होने का खतरा भी बना रहता है। सीएसईबी के सिविल विभाग के अफसरों की लापरवाही के कारण इस तरह की स्थिति बन रही है। सीएसईबी के ऑफिसर्स कॉलोनी में तो साफ सफाई व्यवस्था सुदृढ़ है मगर कर्मचारियों के कोरबा पूर्व कॉलोनी में साफ सफाई व्यवस्था का बुरा हाल है। दोनों कॉलोनियों में साफ सफाई व्यवस्था में भेदभाव साफ नजर आता है।