November 25, 2024

भगवान अपने भक्तों का हर घड़ी देते हैं साथ : भागवताचार्य नारायण

0 श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार से जुड़े कथा का कराया श्रवण
-विनोद उपाध्याय

कोरबा (हरदीबाजार)।
ग्राम रेंकी बस्तीपारा में संगीतमय श्रीमद् भागवत साप्ताहिक ज्ञान यज्ञ कथा का रसपान भागवताचार्य नारायण महाराज ग्राम व क्षेत्रवासियों को मुखार बिंद से करा रहे हैं। कथा के तीसरे दिन जड़भरत चरित्र, भक्त प्रहलाद चरित्र, भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार कथा का रसपान कराया।
कथा व्यास महाराज नारायण ने कहा कि भगवान विष्णु के अनंत रूप हैं। राजा हिरण्यकश्यप ने पूरे विश्व में आतंक फैला रखा था कि हरि नाम जो भी जपेगा उसको मृत्युदंड दी जाएगी। उन्होंने सभी देवताओं को अपने बस में कर रखा था। इसी बीच भगवान विष्णु की लीला से उसके घर में भक्त प्रहलाद का अवतरण हुआ, जो भगवान विष्णु के भक्त रहे और हरी नाम का जाप करते हुए अपने बचपन से लेकर लोगों को हरी नाम का जाप किया और लोगों को हरी नाम का जाप कराते रहे। इस बीच हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र भक्त प्रहलाद को मृत्युदंड दिया और अनेक बार अलग-अलग तरीके से मारने की कोशिश की, लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से भक्त प्रहलाद का एक बाल भी बांका नहीं कर सका। हिरण्यकश्यप ने अपने तपोबल से आशीर्वाद प्राप्त किया था कि न दानव न देवता और न ही मानव उसकी मृत्यु न कर सकें। न मुझे दिन में मार सके न रात में। इस तरह से अपने वरदान का दुरुपयोग करते हुए उसने पूरे विश्व में आतंक फैला रखा था। तभी भक्त प्रहलाद को मारने की कोशिश की। अंत में भगवान विष्णु नरसिंह देव के रूप में प्रगट हुए। शाम को सूर्य ढलते समय नरसिंह भगवान ने हिरण्यकश्यप को अपने नाखून से गोदी में बैठा कर मृत्यु दंड दिए। भगवान विष्णु सभी की मनोकामना पूर्ण करते हैं। भगवान हर एक रूप में मिलता है। घर के दीवाल हो या पेड़ पौधा या जीव जंतु, सभी में भगवान विष्णु बसते हैं। महाराज ने श्रोताओं को अपनी कथा से भगवान विष्णु के अनंत अवतारों का रसपान कराया। कथा का समापन 16 अप्रैल को गीता पाठ, तुलसी वर्षा, सहस्त्रधारा महाआरती एवं भंडारा के साथ होगा। कथा दोपहर 3 बजे से शाम हरि इच्छा तक पंडित नारायण महाराज श्री राधे निकुंज आश्रम जंजगिरि भिलाई व्यासपीठ से कथा का रसपान करा रहे हैं। यजमान जमुना प्रसाद यादव, कृष्णा बाई यादव हैं। कथा श्रवण करने वालों में बद्री प्रसाद यादव, कौशिल्या यादव, गिरिवर यादव, मानसी यादव, विश्राम यादव, रोहित यादव, आशीष यादव, श्रवण यादव, प्रमोद यादव, रानू यादव, कलेश्वरी यादव, शंकरलाल पटेल,रामरतन यादव, फिरतु राम पटेल, भगत यादव, फिरूराम पटेल, दयाराम सहित महिलाएं व ग्रामवासी शामिल हैं।

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