अप्रैल में ही बिजली की डिमांड ने किया रिकॉर्ड ब्रेक
0 मई-जून में मांग पहुंच सकती है 6 हजार मेगावाट के पार
कोरबा। अप्रैल के दूसरे सप्ताह में भीषण गर्मी पड़नी शुरू हो गई है। तापमान का पारा 42 डिग्री के पार पहुंच गया है। इसी के साथ बिजली की डिमांड रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। 16 अप्रैल की रात अब तक की सर्वाधिक डिमांड दर्ज की गई है। गत वर्ष गर्मियों में डिमांड अधिकतम 5300 मेगावाट तक पहुंची थी। इस बार मई-जून में बिजली की डिमांड 6000 मेगावाट तक बहुत सकती है
प्रदेश में आर्थिक विकास की गतिविधियों में तेजी आने और बढ़ती हुई गर्मी के कारण बिजली की मांग में रिकॉर्ड तेजी आई है। रविवार की रात को प्रदेश में बिजली की अधिकतम डिमांड 5696 मेगावाट दर्ज की गई। पावर कंपनी ने कुशल प्रबंधन करते हुए पावर एक्सचेंज के बिजली क्रय कर विद्युत आपूर्ति को बेहतर ढंग से सुनिश्चित किया। यह प्रदेश स्तर पर अब तक की सर्वाधिक डिमांड का रिकॉर्ड है। 2017-18 में सर्वाधिक डिमांड 4318 मेगावाट थी। इस वर्ष उच्च मांग लगभग 5700 मेगावाट के स्तर तक पहुंच गई है। इस तरह बिजली की डिमांड में 32 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस मांग की आपूर्ति के लिए छत्तीसगढ़ स्टेट पावर जनरेशन कंपनी से 2505 मेगावाट बिजली प्राप्त हुई। राज्य शासन के अनुबंध के आधार पर केंद्रीय उत्पादन संयंत्रों से 2540 मेगावाट, आईपीपी (इंडिपेंडेंट पॉवर प्लांट) से 366, शार्ट टर्म ओपन एक्ससेस के माध्यम से 127 और पंजाब राज्य से बैंकिंग के माध्यम से 200 मेगावाट बिजली की उपलब्धता रही। इस तरह प्रदेश में सर्वाधिक डिमांड 5696 मेगावाट के विरुद्ध राज्य में 5738 मेगावाट विद्युत की उपलब्धता बनी रही। छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के प्रबंध निदेशक मनोज खरे ने बताया कि पावर कंपनी बढ़ती मांग पर नजर बनाए हुए है। प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण एवं निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। बिजली की बढ़ती हुई मांग की पूर्ति के लिये कंपनी प्रबंधन ने राज्य के समस्त विद्युत उत्पादन संयंत्रों को उच्चतम क्षमता पर चलाये जाने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये हैं। गर्मी के कारण बिजली की बढ़ती हुई मांग की आपूर्ति हेतु डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने उचित प्रबंधन किया है।