नौकरी, बची हुई जमीन का मुआवजा व क्षतिपूर्ति की मांग को लेकर चारपारा के भू-विस्थापितों का आंदोलन जारी
0 तानसेन चौक में हड़ताल का 16वां दिन, एनटीपीसी प्रबंधन नहीं ले रहा सुध
कोरबा। चारपारा के 6 भू-विस्थापित राजन पटेल, विनय कुमार कैवर्त, रामकृष्ण केवट, गणेश कुमार केवट, राकेश कुमार केवट, घसिया राम केवट अपने परिवार के सदस्यों के साथ एनटीपीसी कोरबा से नौकरी व बचे हुए जमीन की मुआवजा व क्षतिपूर्ति की मांग को लेकर 22 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर तानसेन चौक में बैठे हुए हैं। 16वें दिन से चल रहे हड़ताल को लेकर एनटीपीसी कोरबा प्रबंधन को नौकरी व बचे जमीन की मुआवजा देना पड़ेगा समझ कर सामने आने से बच रहे हैं।
एनटीपीसी कोरबा ने सन् 1978-79 में ग्राम चारपारा की जमीन का अधिग्रहण किया था और 4 सितंबर 1979 को एनटीपीसी महप्रबंधक ने लिखित आम सूचना जारी कर कहा था कि राष्ट्रीय विद्युत ताप परियोजना निगम ने सिद्धांत: यह स्वीकार किया है कि प्रत्येक परिवार में एक व्यक्ति को जिनकी भूमि परियोजना के लिए अधिग्रहित की गई है क्रमिक रूप से शैक्षणिक एवं अन्य योग्यताओं के आधार पर रोजगार प्रदान किया जाएगा। परियोजना का निर्माण कार्य जैसे-जैसे बढ़ता जाएगा रोजगार के अवसर भी बढ़ते जाएंंगे। तद्नुसार आप लोगों को भी क्रमिक रूप से रोजगार प्रदान किया जाएगा। आज प्लांट का विस्तार हो गया, परंतु वादे अनुसार नौकरी देने के नाम से गुमराह किया जाता है। उस समय जमीन का मुआवजा बाजार मूल्य से कम दिया गया और नौकरी देने का वादा कर नौकरी नहीं दिया गया। मुआवजा भी कम दिया गया। ऐसे में दोनों तरह से ठगे गए हैं। ग्राम चारपारा के लगभग 950 एकड़ जमीन में 771.28 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया है की जानकारी एनटीपीसी कोरबा ने दी है। इसमें 771.28 एकड़ जमीन में ही बिना जानकारी दिए बचे जमीन का कब्जा किया गया और आज तक मुआवजा व क्षतिपूर्ति नहीं दिया गया है। इसलिए प्रशासन से मांग है कि एनटीपीसी कोरबा प्रबंधन द्वारा अधिग्रहित चारपारा के लगभग संपूर्ण जमीन और मुआवजा पत्रक व वितरण पत्रक 13, 17, 18, 22 तथा आम सूचना व अन्य सूचना की जांच करवा कर आवेदकों को नौकरी व बचे हुए जमीन की मुआवजा व क्षतिपूर्ति राशि दिलाई जाए। जब तक मांग पूरी नहीं होती है तब तक अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगा।