December 26, 2024

तीन सूत्रीय मांगों को लेकर सहकारी समिति के कर्मचारी हड़ताल पर

0 किसानों की बढ़ी परेशानी, खेती-किसानी से पहले खाद, बीज, ऋण की किल्लत
कोरबा।
अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर जिले के सभी सहकारी समिति के कर्मचारी दफ्तर में ताला लगाकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। इससे कृषि ऋण, खाद-बीज के परमिट समेत अनेक महत्वपूर्ण कार्य ठप हो गए हैं। समितियों में खाद-बीज उपलब्ध होने के बावजूद किसानों को उनका वितरण करने वाला कोई नहीं है, जिससे उनकी परेशानी बढ़ गई है। उन्हें चिंता इस बात की है कि यदि हड़ताल आगे जारी रही तो उन्हें समितियों से खाद व बीज समय पर नहीं मिल पाएगा।
जानकारी के अनुसार सहकारी समिति कर्मचारी संघ के बैनर तले गुरुवार से कर्मचारी स्थानीय तानसेन चौक पर धरना शुरू किया है, जो तीसरे दिन भी जारी रहा। कर्मचारियों की मांग है कि जो प्रभारी प्रबंधक के रूप में समितियों में काम कर रहे हैं उनका नियमितिकरण किया जाए। शासकीय कर्मचारियों के समान उन्हें वेतन दिया जाए। बैंकों में समिति प्रबंधकों की जो भर्ती होनी है उसमें रोक लगाई जाए और वर्तमान में काम कर रहे कर्मचारियों को प्रमोशन दिया जाए। धरना प्रदर्शन व हड़ताल में जिले के सभी 41 समितियों के कर्मचारी भाग ले रहे हैं। हड़ताल से समितियों का कार्य प्रभावित हो गया है। वर्तमान में कृषि ऋण वितरित किया जा रहा है, खाद-बीज का परमिट जारी किया जा रहा है। ब्याज अनुदान 2021-22 व 2022-23 का जो केंद्र शासन से लेना है उसकी एंट्री हो रही है। इसके अलावा समितियों का जो कंप्यूटराइजेशन होना है उसमें भी काम चल रहा है। हड़ताल के चलते अब ये सभी कार्य ठप पड़ गए हैं। समितियों के दफ्तर में ताला बंद होने से किसानों को खाद-बीज के लिए परेशान होना पड़ रहा है। किसान चाहते हैं कि समिति कर्मचारियों की मांगें जल्द से जल्द पूरा हो, ताकि उन्हें समय पर खाद-बीज उपलब्ध हो और खरीफ के सीजन में जरूरी खाद-बीज की उपलब्धता के लिए किसी प्रकार की परेशानी न हो। सभी कृषक अपने खेतों में फसल चयन करने व उसके अनुसार बीज-खाद व वर्मी कम्पोस्ट की आवश्यक मात्रा के संबंध में अपने क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों से मार्गदर्शन प्राप्त करते हैं। उधर पटवारी भी अपनी मांगों को लेकर 17 दिनों से हड़ताल पर बैठे हैं, लेकिन शासन उनकी मांगों को मानने ध्यान नहीं दे रहा है। इससे पटवारियों में गहरा आक्रोश है। पटवारी संघ अब अपने आंदोलन को तेज करने विचार कर रहा है।

Spread the word