November 24, 2024

रमेश पासवान ने अपनी लेखनी से कभी समझौता नहीं किया : श्रीवास्तव

0 साहित्य भवन में पत्रकारिता सम्मान से नवाजे गए सत्यनारायण पाल
0 प्रिंट मीडिया का महत्व और उसका अवदान विषय पर संगोष्ठी का भी आयोजन

कोरबा।
कोरबा जिले के वरिष्ठ और सक्रिय पत्रकार रहे स्व. रमेश पासवान की स्मृति में पत्रकारिता सम्मान कार्यक्रम (द्वितीय वर्ष) 2023 का आयोजन दैनिक लोक सदन समाचार पत्र के 14वें स्थापना दिवस के अवसर पर किया गया।
पंडित मुकुटधर पांडेय साहित्य भवन में आयोजित कार्यक्रम में अतिथियों ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन, माल्यार्पण किया। इसके पश्चात स्व. रमेश पासवान के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। अतिथियों का स्वागत अभिनंदन उपरांत वरिष्ठ पत्रकार मनोज ठाकुर ने दिए जा रहे सम्मान की प्रस्तावना पढ़ी। पत्रकारिता में महत्वपूर्ण योगदान के लिए देशबंधु कोरबा के पत्रकार सत्यनारायण पाल (सत्या) को इस वर्ष के लिए शाल-श्रीफल, प्रशस्ति पत्र एवं 10 हजार रुपये की सम्मान राशि का चेक भेंट कर उज्ज्वल भविष्य की कामना की गई। उनकी धर्मपत्नी लाजवन्ती दीवान का भी सम्मान किया गया।
मंचीय कार्यक्रम में दैनिक लोक सदन के संपादक सुरेशचंद्र रोहरा ने बताया कि स्व. रमेश पासवान ने औद्योगिक नगर में लगभग 30 वर्ष की पत्रकारिता में एक अहम योगदान देते हुए पत्रकारिता को एक ऊंचाई और प्रतिष्ठा दी थी। उनकी स्मृति में इस सम्मान की शुरुवात की गई है जो अनवरत जारी रखी जायेगी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कोरबा प्रेस क्लब अध्यक्ष राकेश श्रीवास्तव ने कहा कि सुरेंद्रचंद्र रोहरा द्वारा इस तरह का आयोजन कर पाना हिम्मत की बात है। प्रेस क्लब के माध्यम से पासवान की स्मृति में रक्तदान शिविर लगाया गया और आगे इसे वृहद स्वरूप दिया जाएगा। रमेश पासवान से मैंने बहुत कुछ सीखा है व उनकी निष्ठा का कायल हूं। आज भले ही पत्रकारिता समझौतावादी है, लेकिन पासवान ने अपनी पत्रकारिता के मूल्यों व सिद्धांतों से कभी भी समझौता नहीं किया। प्रिंट मीडिया आज भी प्रासंगिक है और उसकी विश्वसनीयता हमेशा रहेगी।
इससे पूर्व प्रिंट मीडिया का महत्व और उसका अवदान विषय पर कोरबा क्लब के संरक्षक कमलेश यादव ने कहा कि प्रिंट मीडिया की प्रासंगिकता सदैव रहेगी। हालांकि आज की नई पीढ़ी के पत्रकारों में अध्ययन की कमी है और उन्हें चाहिए कि वे डिग्री के साथ-साथ अध्ययन पर भी ज्यादा जोर दें, ताकि वे परिपक्व पत्रकारिता कर सकें। यादव ने कहा कि आज पत्रकारिता अनेक विषम परिस्थितियों और चुनौतियों के बीच की जा रही है। विशिष्ट अतिथि मूरितराम साहू ने कहा कि रमेश पासवान हमेशा से ही दलित, शोषित, मजदूर, किसान, आदिवासी वर्ग के लिए लिखते रहे। वरिष्ठ अधिवक्ता बीके शुक्ला ने रमेश पासवान की स्मृति में शुरू किए गए सम्मान की परंपरा को सराहते हुए इसके अनवरत जारी रहने की कामना की। पार्षद धरम निर्मले ने कहा कि रमेश पासवान एक जिज्ञासु पत्रकार थे और उन्होंने कोरबा से जुड़े कई अनछुए पहलुओं को भी पाठकों के सामने लाया। एल्डरमैन सनंद दास दीवान ने रमेश पासवान की पत्रकारिता और व्यक्तित्व से जुड़ी यादों को साझा कर कहा कि प्रिंट मीडिया ऐतिहासिक व प्रमाणित दस्तावेज है। अखबार की समझ रखने वाला ही प्रिंट मीडिया को चला सकता है। उभरते पत्रकारों को सम्मान देने को सराहनीय बताते हुए कहा कि यह अनवरत चलता रहेगा। वरिष्ठ पत्रकार विकास जोशी ने कहा कि आज की पत्रकारिता में बहुत कुछ सोचने की जरूरत है। मेरे पिता रामचन्द्र जोशी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे, यह बात मुझे रमेश पासवान के लेख से पता चली। वे स्व. पासवान की लेखनी कायल रहे हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रगतिशील लेखक संघ के अध्यक्ष मो. यूनुस दनियालपुरी ने भावुक होते हुये कहा कि पासवान एक मजदूर का बेटा था, उसके पिता तब के एनसीडीसी (एसईसीएल) में क्रेन ऑपरेटर थे। यहां की मिट्टी में खेला-कूदा रमेश अपने कद से बहुत ऊंचा निकल गया। उसने कलम का लोहा मनवाया। उनकी स्मृति में सम्मान के लिए सुरेशचंद्र रोहरा को साधुवाद दिया।
इस अवसर पर साहित्यकारों की ओर से कवि गोष्ठी का भी आयोजन किया गया, जिसमें एक से बढ़कर एक रचनाएं सुनाई गई। कार्यक्रम में कोरबा प्रेस क्लब के सचिव दिनेश राज, पूर्व उपाध्यक्ष रामेश्वर ठाकुर, अरविंद पांडेय, उमेश यादव, हीरा राठौर, रेणु जायसवाल, अनूप पासवान, राजेश सक्सेना के अलावा साहित्यकार उमेश अग्रवाल, जेपी श्रीवास्तव, दिलीप अग्रवाल, बलराम राठौर, संतोष मिरी, गीता विश्वकर्मा, वीणा मिस्त्री, रशीदा बानो, प्रभात शर्मा, मनीष कुमार आदि उपस्थित रहे। पूरे कार्यक्रम का संचालन कवि कृष्ण कुमार चंद्रा व जितेंद्र वर्मा ने तथा आभार प्रदर्शन वीणा मिस्त्री ने किया।

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