भू-विस्थापितों को समझौते के 9 माह बाद भी नहीं दिया नियुक्ति पत्र
0 एनटीपीसी प्रबंधन पर कलेक्टर के आदेश की अवहेलना का आरोप
कोरबा। एनटीपीसी परियोजना से प्रभावित ग्राम चारपारा के ग्रामीणों ने प्रबंधन पर कलेक्टर के आदेश की अवहेलना का आरोप लगाया है। बैठक में भू-विस्थापितों को नियुक्ति पत्र और सुविधाएं देने आदेशित किया गया था। इस समझौते के 9 माह बाद भी आदेश का पालन नहीं किया गया है।
एनटीपीसी प्रबंधन के खिलाफ भू-विस्थापित आंदोलन कर रहे हैं। ग्राम चारपारा के भू-विस्थापित प्रहलाद केवट का कहना है कि एनटीपीसी कोरबा ने सन् 1978-79 में चारपारा व अन्य गांवों की भूमि राष्ट्रीय विद्युत ताप परियोजना के लिए अर्जित की थी। 4 सितंबर 1979 के लिखित आम सूचना व अन्य सूचना अनुसार प्रत्येक परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी देने की बात कही गई थी, जिसकी मांग को लेकर 16 अगस्त 2022 से लगातार 49 दिन तक तानसेन चौक पर अनिश्चितकालिन हड़ताल में बैठे थे। इसके बाद कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी कोरबा की अध्यक्षता में नौकरी दिये जाने के संबंध में 3 अक्टूबर 2022 को कलेक्टोरेट सभाकक्ष में जिला प्रशासन, एनटीपीसी कोरबा के अधिकारियों एवं भू-विस्थापितों के मध्य बैठक की गई थी। त्रिपक्षीय बैठक कार्रवाई पश्चात् 7 बिन्दुओं में नियुक्ति पत्र, स्कूल शिक्षा सहित अन्य बिंदुओं में सहमति पश्चात् कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी कोरबा के द्वारा लिखित निर्णय दिया गया है। तत्पश्चात भू-विस्थापितों ने हड़ताल वापिस लिया था, परन्तु एनटीपीसी कोरबा प्रबंधन द्वारा कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी के निर्णय आदेशों का अवमानना किया जा रहा है। साथ ही गलत जानकारी प्रस्तुत किया गया है, जिसका भू-विस्थापित प्रहलाद केवट ने कई बार पत्राचार के माध्यम से विरोध किया है। उनका कहना है कि समझौते अनुसार प्रबंधन के कार्यालय से नियुक्ति पत्र प्रदान किया जाये। स्थायी नौकरी देने के बारे में जानकारी मांगने पर इनके द्वारा गुमराह करते हुए नौकरी का प्रवधान नहीं है कह कर जानकारी दी जा रही है। समझौते अनुसार समस्या के निदान के लिए एनटीपीसी प्रबंधन एवं भू-विस्थापितों के मध्य कार्रवाई की समीक्षा हर 6 माह में होने वाली बैठक आज 10 माह हो रहा है, लेकिन नहीं की गई है। भू-विस्थापितों ने मांग की है कि तत्काल जिला प्रशासन एवं एनटीपीसी प्रबंधन और भू-विस्थापितों के मध्य बैठक कराई जाए।