बीरतराई में शिव महापुराण कथा सुनने लोगों की उमड़ रही भीड़
-सुखदेव कैवर्त
कोरबा (बरपाली)। यदि शिव के बारे में जानना चाहते हैं तो द्वादश ज्योतिर्लिंगों के तीर्थ स्थल में जाकर देखें एवं जानें। वही श्री कृष्ण के बारे में उनकी महिमा को जानना है तो श्री वृंदावन मथुरा जाएं। आज भी वहां प्रतिदिन उनकी महिमा देखने को मिलती है। वृंदावन वन में आज भी प्रतिदिन रासलीला भगवान श्री कृष्ण गोपियों के साथ करते है। वहीं सभी जगह भगवान की भागवत कथा के साथ सावन महीने में श्री शिव महापुराण कथा सुनने को मिल रहा है। उक्त उदगार ग्राम बीरतराई मड़वारानी में कौशिक परिवार की ओर से आयोजित श्री शिव महापुराण कथा यज्ञ महामृत्युंजय जाप एवं रूद्राभिषेक में व्यास पीठ से पंडित श्याम दुबे बांकीमोंगरा कोरबा ने कथा सुनाते हुए सातवें दिवस पर व्यक्त किए।
उन्होंने श्रोताओं को शिव की महिमा को सुनाते हुए कहा कि शिव में सभी रूप हैं। शिव जी तिलक लगाते हैं तो रुद्र रूप, चन्द्रमा धारण किये तो शीतल रूप हो जाते हैं। वें भभूत धारण करते हैं। लोग कई कामना करते हैं। कई मनुष्य मृत्यु की अंतिम कामना भगवान शिव की नगरी काशी की करता है। भगवान विष्णु शिव को अपना भगवान मानते हैं। भगवान चार माह विश्राम करते हैं तो शिव को संसार का पार भार सौंपते है। जो चार माह पूरे परिवार एवं लक्ष्मी मिलकर संभालते हैं। उन्होंने श्री शिव की अनेक महिमा का वर्णन सविस्तार से सुनाया। इसके पूर्व पंडित दुबे ने पार्वती जन्म, काम दहन, काली वर्णन, नारद मोह, शिव विवाह, त्रिपुर दहन, सती जन्म, गणेश जन्म, शंख चूर्ण, उद्धार पूजा विधि एवं सृष्टि वर्णन आदि कथा विस्तार से सुनाई। सुबह-शाम की आरती एवं कथा सुनने बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे हैं।