November 7, 2024

बसाहट की मांग को लेकर मंगलवार को मनगांव के पास भू-विस्थापित करेंगे चक्काजाम

0 माकपा और किसान सभा ने दिया समर्थन
कोरबा।
कुसमुंडा क्षेत्र से प्रभावित ग्राम भैसमाखार के भू-विस्थापितों ने बसाहट की मांग को लेकर 19 सितंबर को मनगांव के पास कुसमुंडा गेवरा बाइपास रोड में चक्काजाम की घोषणा की है। चक्काजाम को सफल बनाने के लिए बैठक में माकपा जिला सचिव प्रशांत झा और किसान सभा के जिला अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर शामिल होकर भू-विस्थापितों के चक्काजाम आंदोलन का समर्थन किया है।
उल्लेखनीय है कि कुसमुंडा क्षेत्र अंतर्गत खदान विस्तार के लिए ग्राम भैसमाखार का अधिग्रण किया गया। अधिग्रहण के बाद से भू-विस्थापित परिवार बसाहट और रोजगार के लिए भटक रहे हैं। एसईसीएल के साथ अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कटघोरा से भी बसाहट की मांग की गई पर भू-विस्थापितों को उनका अधिकार नहीं मिल रहा है, बल्कि एसईसीएल द्वारा गांव की पहचान को समाप्त करने की योजना बनाई जा रही है। एक गांव के अंदर दूसरे गांव को जगह दिखा कर दो गांव के भू-विस्थापितों को आपस में लड़वाना चाह रही है, जिससे भू-विस्थापितों में काफी आक्रोश है। अब बसावट की मांग और गांव की पहचान को बचाने को लेकर भू-विस्थापितों ने चक्काजाम की चेतावनी दी है। भैसमाखार के भू-विस्थापितों के साथ बैठक कर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और किसान सभा ने चक्काजाम का समर्थन किया है।
माकपा जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा कि जिले के किसी भी बसाहट में एसईसीएल ने बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई है और बसाहट के नियमों का भी पालन एसईसीएल ने नहीं किया है। ग्राम भैसमाखार के भू-विस्थापितों को कुचेना के पास बसाहट दिया गया है। अब गांव वालों को आपस में प्रबंधन लड़वाना चाहती है, जिसका माकपा विरोध करती है। बसाहट गांव में गांव की पहचान और संस्कृति को जीवित रखने के लिए विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए, लेकिन गांव की पहचान को समाप्त करने की कोशिश एसईसीएल प्रबंधन कर रहा है। इससे गांव में तनाव की स्थिति निर्मित हो रही है और गांव की पहचान भी समाप्त होने का खतरा मंडराने लगा है। माकपा और किसान सभा भू-विस्थापितों के आंदोलन के साथ खड़ी है और चक्काजाम में माकपा और किसान सभा के कार्यकर्ता शामिल होंगे।

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