November 7, 2024

पट्टा मिला तो खिले गरीबों के चेहरे, लोग बोले ‘जयसिंह ने जो कहा वो कर दिखाया, वर्षों का सपना हुआ पूरा’

0 पट्टा वितरण की कोरबा शहर के पंप हाउस से हुई शुरुआत
0 कोरबा जिले में बांटे जाएंगे 15000 से भी अधिक पट्टा
कोरबा।
झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले गरीबों को आबादी पट्टा प्रदान करने का काम राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल की अगवाई में प्रशासन ने शुरू कर दिया है। पंप हाउस में सांकेतिक तौर पर 20 लोगों को पट्टे का वितरण किया गया है। आने वाले समय में अकेले कोरबा जिले में 15000 से भी अधिक परिवार इस योजना से लाभान्वित होंगे। जिस सपने को गरीबों ने कई दशकों से अपने दिलों में संजोया था। आज वह पूरा हो रहा है। इसे लेकर लोगों में खुशी की लहर है। वह कह रहे हैं कि कोरबा विधायक और प्रदेश के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने जो संकल्प लिया था। जो बातें कही थी, उन्हें पूरा कर दिखाया है। जो सपना उन्होंने सालों पहले देखा था, अब वह पूरा हो रहा है। जिस जमीन पर वह बसे थे, अब वह उनकी होगी, पट्टा मिलने से अपनी जमीन और घर का सपना पूरा होगा।
शहर के पंप हाउस मोहल्ले से राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने इस योजना की शुरुआत की। राजस्व मंत्री ने खुद व्यक्तिगत ढंग से पूरे मामले की निगरानी करते हुए सभी विभागों से एनओसी की प्रक्रिया पूरी कराई। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही गरीबों को पट्टा देने की तैयारी शुरू हो चुकी थी। इस दिशा में लगातार 4 वर्ष से कार्रवाई की जा रही थी, जो अब जाकर पूर्ण हुई है। पट्टा वितरण के लिए सरकार ने एक विशेष नियमावली तैयार की है। प्रदेश में पट्टा वितरण की शुरुआत खुद राजस्व मंत्री ने की है। इस दौरान उन्होंने विरोधियों को आड़े हाथ भी लिया और यह कहा कि जो पट्टे के नाम पर लोगों को झूठा तथ्य देकर बरगलाने का प्रयास कर रहे हैं उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। गरीब और जरूरतमंद लोगों को भी ऐसे भ्रामक बातें फैलाने वालों से सचेत रहना चाहिए। उनकी बातों को अनसुना करने में ही समझदारी है। कांग्रेस राज में गरीबों का सपना पूरा हुआ है, जो बीते कई साल में नहीं हुआ। लोग लगातार पट्टे के लिए आवाज उठाते रहे, लेकिन प्रदेश की पूर्व बीजेपी सरकार ने उनकी एक नहीं सुनी। लेकिन कांग्रेस शासनकाल में अब जाकर उनका सपना पूरा हुआ है।
0 पूरा हुआ सालों से संजोया हुआ ख्वाब
पट्टा पाने वाले द्वारका प्रसाद का कहना है कहना है कि 15 साल तक भाजपा सरकार रही, लेकिन गरीबों और झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों के लिए वह कोई नियम नहीं बना सकी। 15 साल तक गरीब भाजपा नेताओं के चक्कर काटते रहे। जिले से लेकर राज्य तक यह मुद्दा छाया रहा। जो लोग 15 साल में कोई नियम नहीं बना सके। अब वह नियमों को जटिल और आसान करने की बात करें, तो यह उन्हें शोभा नहीं देता। हमारे विधायक जयसिंह अग्रवाल ने हमारा यह सपना सच किया है। हम सब बेहद खुश हैं। हमारे पास अपनी जमीन नहीं थी। रोजी मजदूरी कर किसी तरह अपनी आजीविका चलाते हैं। इतने पैसे नहीं है कि शहर में अपना घर या जमीन खरीद सकें। अब हमें पट्टा मिल गया है। आने वाली पीढ़ियों का जीवन भी आसान हो जाएगा।
0 जो कहा वह सच में कर दिखाया
हेमलाल केवट ने कहा कि राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल की पहल पर एसईसीएल ने पहले ही जमीन सरेंडर कर दी है। एसईसीएल की जमीन पर जितने भी लोग बसे हुए हैं, उन्हें बेहद आसानी से पट्टा मिलेगा। हमें तो अब भी यकीन नहीं हो रहा कि हमें पट्टा मिल चुका है क्योंकि हम इसके लिए सालों से भटक रहे थे। कोई सुनने वाला ही नहीं था। गरीबों की सुनता ही कौन है, लेकिन मंत्री ने हमारा यह सपना सच कर दिया है। उन्होंने सालों पहले जो कहा था, वह सच कर दिखाया है। हमारे पट्टे का सपना पूरा हो गया है। हम बेहद आनंदित महसूस कर रहे हैं।
0 पट्टा मिलने के बाद अब बना सकेंगे खुद का मकान
बकालू श्रीवास का कहना है कि भाजपाइयों ने हाल ही में पट्टा के लिए आंदोलन किया था। इसमें एक फार्म लोगों को दिया गया, लेकिन इस फार्म का कोई औचित्य नहीं था। बीजेपी वाले इसी तरह से अपने शासन में 15 साल लोगों को बेवकूफ बनाते रहे। पट्टा वितरण के लिए कोई योजना नहीं लाई, जो काम वह अपने सरकार के रहते 15 साल में पूरा नहीं कर पाए वह काम पांच साल में कांग्रेस ने कर दिखाया है। जयसिंह अग्रवाल ने हमारे पट्टे का सपना को पूरा कर दिया है। हम चाहते हैं कि आने वाले विधानसभा चुनाव में भी वह जीत कर आएं, ताकि हम गरीबों के पक्ष में इस तरह के काम होते रहे। पट्टा मिल जाना कोई छोटी बात नहीं है। यह हमारे लिए बेहद बड़ी सौगात है। हम जैसे गरीब, जिनके पास अपनी जमीन नहीं थी, जिन्हें जमीन खाली करने का धौंस दिखाया जाता था, उन्हें आबादी पट्टा देकर सरकार ने बहुत बड़ा काम कर दिया है। हम इस काम के लिए सरकार को धन्यवाद भी देना चाहते हैं। पट्टा मिलने के बाद अब हम इस पर छोटा ही सही लेकिन अपना मकान बनाएंगे। घर को और अच्छे से सजाएंगे।

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