गतिहीन जीवनशैली हृदय रोग का बड़ा कारण : डॉ. शर्मा
0 नि:शुल्क आयुर्वेद योग चिकित्सा परामर्श व उपचार शिविर में 56 मरीज हुए लाभान्वित
कोरबा। विश्व हृदय दिवस के अवसर पर शुक्रवार को पतंजलि चिकित्सालय निहारिका में आयुष मेडिकल एसोसिएशन, लायंस क्लब कोरबा एवरेस्ट एवं विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त तत्वावधान में सभी प्रकार के हृदय रोगों हेतु नि:शुल्क आयुर्वेद योग चिकित्सा परामर्श एवं उपचार शिविर का आयोजन किया गया। इस वर्ष की थीम यूज हार्ट, नो हार्ट इज ओपन-इन्डेड अर्थात् हृदय का उपयोग करें हृदय को जानें जो खुला हुआ है पर स्वस्थ भारत समृद्ध भारत अभियान के अंतर्गत चलो आयुर्वेद की ओर मिशन के तहत आयोजित शिविर में 56 मरीज लाभान्वित हुए।
शिविर में विशेष रूप से अपनी चिकित्सकीय सेवायें प्रदान कर रहे छत्तीसगढ़ के अनुभवी आयुर्वेद चिकित्सा विशेषज्ञ वैद्य डॉ. नागेंद्र नारायण शर्मा ने गतिहीन जीवनशैली को हृदय रोग सबसे बड़ा कारण बताया। साथ ही उन्होंने हृदय रोगों से बचाव हेतु ओवरइटिंग, प्रोसेस्ड फूड, जंक फूड, मद्यपान एवं धूम्रपान से परहेज करने कहा। साथ ही उन्होंने सडन कार्डियक अरेस्ट (हृदयाघात) के बारे में बताते हुए कहा कि सडन कार्डियक अरेस्ट कभी भी किसी को भी कहीं भी आ सकता है। अधिकांश केस में सीपीआर थेरेपी (सावित्री आसन) के माध्यम से जीवन रक्षा में सफलता प्राप्त हुई है। सडन कार्डियक अरेस्ट से जीवन रक्षा हेतु सावित्री आसन, सीपीआर थेरेपी की जानकारी एवं विशेष प्रशिक्षण चलो आयुर्वेद की ओर मिशन के सदस्य नेत्र नंदन साहू ने दिया। उन्होंने प्रशिक्षण देने के साथ साथ सभी से अपील की कि वे सभी इस सावित्री आसन, सीपीआर थेरेपी के बारे मे और लोगों को भी बतायेंगे जिससे सडन कार्डियक अरेस्ट में प्राथमिक उपचार के रूप में इसका उपयोग कर जीवन की रक्षा की जा सके। शिविर में समस्त प्रकार के हृदय रोगों के लिये उपयोगी एवं हृदय को मजबूती प्रदान करने वाला अर्जुन क्षीर क्वाथ भी नि:शुल्क पिलाया गया। शिविर में हृदय रोगियों के लिये उपयोगी स्वास्थ्य पुस्तिक भी नि:शुल्क प्रदान की गई। शिविर में लायंस क्लब कोरबा एवरेस्ट के सचिव चिकित्सक वैद्य डॉ. नागेन्द्र नारायण शर्मा, लायंस क्लब कोरबा एवरेस्ट के अध्यक्ष शिव जायसवाल, चलो आयुर्वेद की ओर मिशन के सदस्य प्रतिभा शर्मा, नेत्रनंदन साहू, अश्वनी बुनकर, नीतेश गोस्वामी, अरुण मानिकपुरी, कमल धारीया, चक्रपाणि पांडे, तोरेंद्र सिंह, सिद्धराम शाहनी, राकेश इस्पात, स्नेहा मिश्रा एवं हर्ष नारायण शर्मा ने विशेष रूप से उपस्थित होकर अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।