December 24, 2024

जिसे समझ रहे थे मृत वह निकला जिंदा

0 18 साल बाद पुलिस के हत्थे चढ़ा फरार वारंटी
कोरबा।
जेल से जमानत में रिहा होते ही आरोपी फरार हो गया। कोर्ट से वारंट जारी होने पर पुलिस लगातार खोजबीन करती रही, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। जिससे आम लोगों के साथ साथ पुलिस भी आरोपी को मृत समझ रही थी। आखिरकार 18 साल बाद सिक्योरिटी की नौकरी कर रहे आरोपी की असलियत सामने आ गई। पुलिस ने वारंट की तामिली करते हुए उसे कोर्ट में पेश कर दिया है।
दरअसल जिला पुलिस अधीक्षक जितेंद्र शुक्ला ने विधानसभा चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने दिशा निर्देश जारी किया है। इसके लिए गुंडा बदमाशों और वारंटियों की घर पकड़ शुरू की गई है। इसी कड़ी में पुलिस कप्तान शुक्ला के निर्देश, एएसपी अभिषेक वर्मा तथा सीएसपी भूषण एक्का के मार्गदर्शन में सिविल लाइन थाना प्रभारी मृत्युंजय पांडे ने भी वारंटी की कुंडली खंगालने शुरू कर दिया है। वह लंबे समय से फरार वारंटियों की फाइल पलट रहे थे। इसी दौरान एक फाइल सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र में वर्ष 2005 में घटित लूट और डकैती की लगी, जिसमें आरपी नगर निवासी प्रसन्न कुमार राही को आरोपी बनाया गया था। वह जमानत पर रिहा होने के बाद से फरार था। थाना प्रभारी के निर्देश पर आरक्षक योगेश राजपूत और दीप नारायण त्रिपाठी वारंटी की तलाश में जुटे थे। इसी दौरान पता चला कि एक युवक बालको में निवास करता है। वह एक कंपनी सिक्योरिटी गार्ड का काम करता है। उसका हुलिया वारंटी से मिलता जुलता है। इस जानकारी के आधार पर पुलिस जवान निगाह रखे हुए थे। आखिरकार पुलिस ने घर पहुंचते ही युवक को पकड़ लिया। पूछताछ करने पर असलियत सामने आ गई। वह जमानत पर रिहा होने के बाद कई साल तक नाम बदल बिलासपुर में रह रहा था। इसके बाद बालको आ गया, जहां पहचान छिपाकर गार्ड की नौकरी कर रहा था। चूंकि उसने अपनी पहचान छिपाई थी। वह लोगों से अलग थलग रहता था। उसके परिवार में किसी का देहांत भी हुआ था। ऐसे में जान पहचान के लोग तो उसकी मौत हो जाने का कयास लगाते थे। वहीं 18 साल तक खोजबीन किए जाने के बावजूद कोई सुराग नहीं मिलने से पुलिस भी मृत समझने लगी थी, लेकिन सालों बाद ही सही आखिरकार वारंटी पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया। पुलिस ने वारंट की तामिली करते हुए आरोपी को कोर्ट पेश कर दिया है।
0 आठ साल बाद पकड़ा गया मारपीट का आरोपी
रजगामार पुलिस चौकी अंतर्गत ग्राम आंछीमार में 2005 में मारपीट की घटना हुई थी। मामले में पुलिस ने जुगुत राम के खिलाफ कार्रवाई की थी। वह जमानत पर रिहा होने के बाद फरार हो गया था। उसके खिलाफ कोर्ट से वारंट जारी हुआ था। पुलिस बीते 8 साल से उसकी तलाश कर रही थी, लेकिन वह चकमा देते आ रहा था। आखिरकार वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया। वारंट की तामिली करते हुए उसे कोर्ट में पेश किया है।

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