November 7, 2024

कुसमुंडा खदान के सरफेस माइनर में लगी आग, ऑपरेटर ने कूदकर बचाई जान

0 सुरक्षा पखवाड़ा के दौरान हुआ हादसा, गेवरा में हो चुकी है दो घटनाएं
कोरबा।
जिले की एसईसीएल कुसमुंडा खदान में बीते बुधवार की रात तकरीबन 9.40 बजे सरफेस माइनर (कोयला कटिंग मशीन) में आग लग गई। मशीन चला रहे ऑपरेटर को कुछ समझ नहीं आया कि कैसे अचानक आग लगी। आनन-फानन में उसने मशीन से कूदकर अपनी जान बचाई। आग लगने की मुख्य कारण का अभी तक पता नहीं चल पाया है। आग लगने के बाद जब तक एसईसीएल कुसमुंडा की दमकल विभाग की गाड़ी पहुची, मशीन का आधे से ज्यादा हिस्सा जल चुका था। सुरक्षा पखवाड़ा के दौरान लगातार दुर्घनाएं हो रही है।
बीते 2 दिन में एसईसीएल में आगजनी की यह तीसरी बड़ी घटना है। सुरक्षा पखवाड़ा के अंर्तगत गेवरा खदान में ट्रेलर पलटने की घटना में चालक की मौत हो गई थी। बीते सोमवार को ठेका कंपनी रूंगटा के कोयले से लदी टिपर में आग लग गई थी, जिसमें चालक बाल-बाल बचा था। वहीं अब ये घटना कुसमुंडा खदान अंदर गोदावरी फेस की बताई जा रही है, जिससे सवाल उठता है कि क्या सुरक्षा पखवाड़ा एक दिखावा मात्र है। सुरक्षा के नाम पर बस बैनर या पोस्टर ही लगाए जा रहे हैं। कुसमुंडा खदान में भी कई ऐसी ठेका कंपनियां काम कर रही है, जिनके टिपर वाहन में अग्निशमन सिलेंडर तक नहीं है, जिससे ड्राइवर गाड़ी का कांच खोल कर खदान के अंदर कोयला गाड़ी चला रहे हैं। प्रबंधन जिसे देखकर भी अनदेखा कर रही है। सुरक्षा पखवाड़ा के अंतर्गत एसईसीएल के सुरक्षा नियम में यह भी वर्णन है कि खदान के अंदर काम कर रही गाड़ियों में अग्निशमन सिलेंडर के साथ-साथ गाड़ी पूरी बंद होगी। खदान के अंदर विंडो खुली नहीं होनी चाहिए, जिससे कभी भी कोयले या पत्थर का बड़ा हिस्सा या भारी भरकम धूल डस्ट गाड़ी के अंदर न आ सके, जिससे चालक के साथ दुर्घटना न घटे, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। कुसमुण्डा खदान के अंदर काम कर रही कईं ठेका कम्पनी के गाडिय़ों में बिल्कुल भी सेफ्टी नजर नहीं आती है। फिर भी मजदूर इन सभी समस्याओं के साथ अपनी जान को दांव पर लगाकर इन सभी परेशानियां झेलते हुए अपने परिवार के लिए कार्य कर रहे हैं।

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