मकर संक्रांति पर कई ग्रहों का संयोग, बन रहा दुर्लभ योग भी
कोरबा। जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है, तब मकर संक्रांति मनाया जाता है। मकर संक्रांति पर सूर्य की उपासना, गंगा स्नान, तिल दान और पूजा-अनुष्ठान का विशेष महत्व है। इस बार सूर्य मकर राशि में 15 जनवरी को प्रवेश करेगा। इसी दिन मकर संक्रांति मनाई जाएगी। इसे लेकर श्रद्धालुओं में खासा उत्साह है। लोग पर्व की तैयारी जुट गए हैं।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस बार मकर संक्रांति पर दुर्लभ संयोग बनने जा रहा है। मकर संक्रांति के दिन रवि योग के साथ वरियान योग भी बनेगा। वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार मकर संक्रांति पर कई ग्रहों का संयोग भी बन रहा है। शुक्र ग्रह अपनी उच्च राशि में मौजूद होंगे। शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ और गुरु भी अपनी स्वराशि मेष में मौजूद रहेंगे। वरियान योग 14 जनवरी की रात लगभग 2.40 बजे शुरू होगी। 15 जनवरी की रात लगभग 11.10 बजे तक रहेगी। रवि योग 14 जनवरी को सुबह 10.22 बजे से 15 जनवरी की सुबह 07.15 बजे तक रहेगी। इसके अलावा मकर संक्रांति इस बार सोमवार को पड़ रहा है। इस संयोग से कुछ राशि के जातकों को विशेष लाभ मिल सकता है। मकर संक्रांति पुण्यकाल सुबह 7.15 बजे से सायं 6.21 बजे तक और महा पुण्यकाल सुबह 7.15 बजे से सुबह 9.06 मिनट तक रहेगी। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि मकर संक्रांति सोमवार को मनाई जाएगी। इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं। काला तिल शनि का द्रव्य है और गुण सूर्य का द्रव्य है। इस अवसर पर काला तिल और गुण दोनों द्रव्यों का दान करना अत्यंत लाभकारी होगा।