August 21, 2024

मकर संक्रांति पर किया गया स्नान, मंदिरों में रही भीड़

0 घरों में तिल लड्डू बनाए गए, बच्चों ने की पतंगबाजी
कोरबा।
मकर संक्रांति को लेकर सुबह से ही लोगों में उत्साह देखा गया। सुबह जल्दी उठने के बाद लोगों ने स्नान कर भगवान सूर्य की पूजा अर्चना की। दान-पुण्य भी किया। लोगों ने तिल के लड्डू और अन्य मिठाइयां बनाकर इसे सेवन किया।
15 जनवरी को भगवान सूर्य ने मकर राशि में प्रवेश किया। सोमवार को मकर संक्रांति का त्योहार मनाया गया। शास्त्रों के अनुसार सूर्य एक राशि को छोड़ दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो इसे संक्रांति कहा जाता है। साल भर में 12 संक्रांतियां होती है। माघ महीने में पड़ने वाले संक्रांति का विशेष महत्व होता है।

सूर्य जब धनु राशि से अपनी यात्रा को विराम देते हुए मकर राशि में प्रवेश करता है तब मकर संक्रांति का पर्व देश भर में मनाया जाता है। इसे अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नाम से जाना जाता है। तमिलनाडु में पोंगल, पंजाब में लोहड़ी और असम में विभु का त्योहार इस दिन मनाया जाता है। उत्तर भारत के राज्यों में मकर संक्रांति के साथ-साथ इसे खिचड़ी भी कहा जाता है। इस दिन लोग खिचड़ी बनाकर भी खाते हैं। मकर संक्रांति के दिन बच्चों ने पतंग उड़ाए। एसईसीएल कोरबा एरिया के साथ-साथ दीपका, गेवरा और कुसमुंडा क्षेत्र में भी मकर संक्रांति को लेकर लोगों के बीच उत्साह देखा गया। बच्चों ने पतंग उड़ाकर इसका आनंद लिया। मकर संक्रांति के दिन पिकनिक स्थलों पर भी लोगों की भीड़ उमड़ी। हसदेव नदी के किनारे झोराघाट और डुबान क्षेत्र बुका में लोगों ने स्नान कर संक्रांति के पर्व के साथ ही पिकनिक भी मनाया।

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