October 4, 2024

भू-विस्थापित नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज, कुसमुंडा खदान और जीएम ऑफिस में किया था आंदोलन

कोरबा। एसईसीएल की कुसमुंडा परियोजना से प्रभावित भू-विस्थापितों के लिए रोजगार की मांग को लेकर प्रदर्शन के बाद भू-विस्थापित नेताओं और अन्य के विरूद्ध प्रबंधन की ओर से अपराध दर्ज कराया गया है।
संजय कुमार दुबे क्षेत्रीय सुरक्षा प्रभारी एसईसीएल कुसमुंडा क्षेत्र के द्वारा कुसमुंडा थाना में दिए गए आवेदन में बताया गया है कि 15 जनवरी को कुसमुंडा खदान बंद एवं कार्यालय परिसर बाधित किये जाने का संज्ञेय अपराध इन्होंने किया है। प्रशांत झा जिला सचिव छत्तीसगढ़ किसान सभा, रेशम यादव अध्यक्ष तथा दामोदर श्याम सचिव, भू-विस्थापित रोजगार एकता संघ कुसमुंडा द्वारा महाप्रबंधक कुसमुण्डा क्षेत्र को पत्र प्रेषित कर भू-विस्थापितों को एसईसीएल में रोजगार नहीं देने तथा लंबित रोजगार प्रकरणों का उल्लेख करते हुये चरणबद्ध आन्दोलन करने की सूचना देते हुये 15 जनवरी को कुसमुण्डा खदान महाबंद किये जाने का आह्वान किया गया। तदुनसार भू-विस्थापितों द्वारा दिये गये सूचना पर अमल करते हुये 28 दिसंबर 2023 को जिला प्रशासन, एसईसीएल प्रबंधन एवं भू-विस्थापितों के बीच त्रिपक्षीय वार्ता आयोजित की गई। पुन: 13 जनवरी 2024 को जिला प्रशासन, एसईसीएल प्रबंधन एवं भू-विस्थापितों के साथ बैठक आयोजित किया गया। वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया परंतु प्रशांत झा, रेशम यादव, दामोदर श्याम एवं भू-विस्थापितों की हठधर्मिता एवं अड़ियल रवैया के कारण समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया और वे बैठक बीच में ही छोड़कर यह धमकी देते हुये चले गये कि 15 जनवरी 2024 को खदान महाबंद करके ही रहेंगे। तदुपरांत उपरोक्त भू-विस्थापितों द्वारा 100-150 पुरुष, महिलाओं व बच्चों के साथ खदान परिसर सतर्कता चौक पर धरना पर बैठ गये, जिससे कोयला परिवहन कार्य बाधित हुआ। उक्त स्थिति को देखते हुये उनसे चर्चा हेतु महाप्रबंधक कार्यालय सभाकक्ष बुलाया गया तथा सभाकक्ष में बैठक के दौरान उक्त भू-विस्थापितों द्वारा यह कहते हुये चर्चा नहीं किया गया कि एसईसीएल मुख्यालय से निर्णय लेने में सक्षम अधिकारी जब तक यहां पर उपस्थित नहीं होते तब तक आप लोगों से कोई चर्चा नहीं किया जायेगा। सभाकक्ष के गैलरी में स्वयं एवं महिलाओं के साथ बैठ गये। दर्ज रिपोर्ट में कहा गया है कि जबकि 28 दिसंबर 2023 को अनुविभागीय अधिकारी एवं एसईसीएल बिलासपुर के सक्षम अधिकारी के बीच वार्ता आयोजित किया गया था, किंतु इनके अडियल रवैया एवं हठधर्मिता के कारण समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया। इन भू-विस्थापितों द्वारा कार्यालय के गैलरी में धरने पर बैठने से कार्यालय में कार्यरत महिलाओं एवं अन्य कर्मचारियों को जाने आने में काफी दिक्कत हुई है तथा महिला-पुरुष कर्मचारियों में दहशत का माहौल उत्पन्न हो गया। उपरोक्त भू-विस्थापितों के विरूद्ध कुसमुंडा थाना में धारा 34, 341,186 के तहत जुर्म दर्ज कर लिया गया है।

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