November 7, 2024

25 जनवरी को मनाया जाएगा अन्न दान का पर्व छेरछेरा

कोरबा। छेरछेरा त्योहार छत्तीसगढ़ का प्रसिद्ध और पारंपरिक त्योहारों में से एक है। लोग इसे बड़े ही सादगी और हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। इस पर्व पर किसी भी जाति धर्म का कोई प्रतिबंध नहीं है। छत्तीसगढ़ में छेरछेरा त्योहार सभी वर्ग जाति एवं सम्प्रदाय के लोग मनाते हैं। इस दिन को बड़ा ही पवित्र एवं शुभ दिन माना जाता है। इस बार 25 जनवरी को यह पर्व मनाया जायेगा।
छेरछेरा त्योहार गुरुवार को है। इस दिन पौष माह की पूर्णिमा तिथि है। छेरछेरा त्योहार का कोई शुभ मुहूर्त नहीं होता है। पूर्णिमा तिथि को दिन रात शुभ माना जाता है। छत्तीसगढ़ में छेरछेरा त्योहार जब किसान अपने खेतों से फसल काट एवं मिंजाई कर धान को अपने घरों में भंडारण कर चुके होते हैं तब यह पर्व पौष माह की पूर्णिमा तिथि अर्थात जनवरी के महीने में मनाते हैं। यह पर्व दान देने का पर्व है। किसान अपने खेतों में साल भर मेहनत करने के बाद अपनी मेहनत की कमाई धन को दान देकर छेरछेरा त्योहार मनाते हैं। माना जाता है कि दान देना महा पुण्य का कार्य होता है। किसान इसी मान्यता के साथ अपनी धन का दान देकर महान पुण्य का भागीदारी निभाने हेतु छेरछेरा त्योहार मनाते हैं। इस दिन बच्चे अपने गांव के सभी घरों में जाकर छेरछेरा कह कर अन्न का दान मांगते और सभी घरों में अपने कोठी अर्थात अन्न भंडार से निकालकर सभी को अन्नदान करते हैं। गांव के बच्चे टोली बनाकर घर-घर छेरछेरा मांगने जाते हैं बच्चों के अलावा गांव की महिलाएं, पुरुष, बुजुर्ग सभी वर्ग के लोग टोली में छेरछेरा त्योहार मनाने घर-घर जाकर छेरछेरा मांगते हैं। छत्तीसगढ़ में छेरछेरा त्योहार पौष पूर्णिमा पौष मास शुक्ल पक्ष पुर्णिमा तिथि अर्थात छत्तीसगढ़ी बोली में पूश पून्नी को मनाया जाता है। पौष मास पूर्णिमा तक छत्तीसगढ़ में सभी किसान अपने खेतों से फसल काटकर अपने घरों भंडारण कर चुके होते हैं। छेरछेरा त्योहार किसानों एवं अन्न से जुड़ा हुआ त्योहार है।

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