जल्द शुरू हो सकता है सुपर क्रिटिकल पावर प्लांट का काम
कोरबा। नए प्लांट के निर्माण पर राख का उचित निपटान को लेकर उत्पादन कंपनी अपने झाबू व डिंडोलभांठा गांव के राखड़ डैम तक नई पाइपलाइन बिछाएगी। रविवार को उत्पादन कंपनी के प्रबंध निदेशक एसके कटियार ने दोनों ही राखड़ का निरीक्षण किया, क्योंकि एचटीपीपी संयत्र के विस्तार से 1320 मेगावाट का पावर प्लांट लगाने अब वन व पर्यावरण मंत्रालय से पर्यावरण मंजूरी का इंतजार है। जनसुनवाई के बाद अब इसकी रिपोर्ट मंत्रालय क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी कार्यालय से भेजी जाएगी।
उत्पादन कंपनी के प्रबंध निदेशक कटियार का दो दिनी दौरा काफी अहम रहा। उन्होंने शनिवार को एचटीपीपी संयंत्र में बिजली अफसरों की बैठक लेकर नए पावर प्लांट निर्माण की अब तक की प्रक्रिया की समीक्षा की। उसके बाद अफसरों को जरूरी निर्देश दिए। इसके बाद प्रबंध निदेशक दूसरे दिन रविवार को झाबू और डिंडोलभांठा गांव स्थित उत्पादन कंपनी के एचटीपीपी संयत्र के राखड़ डैम का निरीक्षण किया। दोनों ही राखड़ डैम में नए पावर प्लांट के बनने के बाद उत्सर्जित राखड़ को संयंत्र से पाइप के सहारे भेजकर उचित निपटान किया जाएगा। बता दें कि एचटीपीपी संयंत्र के विस्तार से 660 मेगावाट की दो सुपर क्रिटिकल यूनिट लगेगी। इससे प्रदेश कंपनी का बिजली उत्पादन 1320 मेगावाट तक बढ़ जाएगा। साल 2030 तक नए पावर प्लांट का निर्माण कार्य पूरा कराने का है। इसकी एक इकाई से उत्पादन साल 2029 तक शुरू कराने की है।