October 5, 2024

बसंत पंचमी 14 फरवरी को, मां सरस्वती की होगी पूजा

कोरबा। बसंत पंचमी 14 फरवरी को मनाई जाएगी। इस दिन रेवति नक्षत्र, सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग सहित कई दुर्लभ योग के विशेष संयोग बन रहे हैं। ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस दिन शुभ कार्य प्रारंभ करने से सफलता की प्राप्ति होती है। साथ ही लंबे समय तक इसका लाभ मिलता है।
माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा-अर्चना का विधान है। मान्यता है कि बसंत पंचमी की तिथि पर मां सरस्वती हाथों में पुस्तक, वीणा और माला लिए श्वेत कमल पर विराजमान होकर प्रकट हुईं थी। इसलिए यह दिन मां सरस्वती को समर्पित है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार बसंत पंचमी पर इस बार रेवति नक्षत्र, सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग के अलावा कई दुर्लभ योग के संयोग बन रहे हैं। विद्यार्थी, कला, संगीत, प्रतियोगी परीक्षाओं से जुड़े लोगों के लिए यह दिन बहुत खास है। साथ ही बसंत ऋतु की शुरूआत हो रही है। इसे लेकर श्रद्धालुओं में इसे लेकर खासा उत्साह है। ज्योतिषाचार्य दशरर्थी नंदन ने बताया कि बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की उपासना कर विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से विशेष फलदायी होती है। बसंत पंचमी की शुरूआत 13 फरवरी को रात सात बजे के प्रारंभ होगी। 14 फरवरी की शाम लगभग चार बजे समाप्त होगी। इसके लिए लोगों ने तैयारियां प्रारंभ कर दी है। जिले के शासकीय व निजी स्कूल, कॉलेजों में पूजा-अर्चना की तैयारी विद्यार्थियों ने शुरू की है। इसके अलावा कला और संगीत से जुड़े लोगों में भी उत्साह है। लोगों ने पूजा स्थल की साफ-सफाई के साथ ही तोरण और फूल-मालाओं से सुसज्जित करने के लिए जुट गए हैं। पंडितों के अनुसार सरस्वती पूजा का शुभ मुहूूर्त बुधवार को सुबह 10.30 बजे से लेकर दोपहर 1.30 बजे तक रहेगा। इस दौरान मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होगी। इस दिन बच्चों से बीज मंत्र का जाम कराने से बोलने की कला में निखार आती है।

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