मोबाइल के ज्यादा इस्तेमाल से बच्चों की नजर हो रही कमजोर
0 छोटी उम्र में भी बच्चों को लग रहे चश्मे
कोरबा। राष्ट्रीय अल्पदृष्टि नियंत्रण कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्कूली बच्चों की आंखों की जांच की जाती है। हर साल यह कार्यक्रम चलाया जाता है। स्कूलों में बच्चों की आंखों की जांच की जाती है। जिनकी आंखें कमजोर मिलती है उन्हें स्वास्थ्य विभाग से चश्में उपलब्ध कराए जाते हैं। बीते तीन साल में चार हजार से अधिक बच्चों की आंखें कमजोर मिली है।
गौरतलब है कि कोरोना काल में छोटे क्लास के बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान मोबाइल की आदत लग गई। अब जब स्कूल लगने लगे हैं तो भी बच्चों की आदत छूट नहीं रही है। स्कूल से आते ही बच्चे मोबाइल में गेम और यूटयूब में वीडियो देखने व्यस्त हो जाते हैं। इसका असर आंखों पर लगातार बढ़ रहा है। वर्ष 2019-20 में 54907 बच्चों की जांच की गई जिसमें 2113 बच्चों की आंख कमजोर मिली, जिन्हें चश्मे की जरूरत बताई गई। इसी तरह वर्ष 2020-21 में कोरोना काल में जांच नहीं हुई। वर्ष 2021-22 में 23714 जांच 781 कमजोर और 2022-23 में 37656 जांच में 1149 की नजर कमजोर मिली।