अब 13 अप्रैल तक वैवाहिक व अन्य मांगलिक कार्यों पर लगा विराम
0 रविवार से हो रही है होलाष्टक की शुरुआत
कोरबा। इस बार 14 मार्च से खरमास प्रारंभ हो गया है। इसी के साथ शुभ कार्य, वैवाहिक व अन्य मांगलिक कार्यों पर एक माह के लिए विराम लग गया है। रविवार से होलाष्टक भी प्रारंभ हो जाएगा। ऐसे में 13 अप्रैल को सूर्य के मेष राशि में प्रवेश करने के साथ ही खरमास समाप्त हो जाएगा, तब तक के लिए मांगलिक कार्य नहीं होंगे। हालांकि इस अवधि में धार्मिक कार्य, पूजा-पाठ और हवन के कार्य किए जा सकते हैं।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि गुरुवार दोपहर लगभग 2.37 बजे सूर्य कुंभ राशि से मीन राशि में प्रवेश करेगे। सूर्य के मीन राशि में प्रवेश के साथ ही खरमास प्रारंभ हो जाएगा। इससे वैवाहिक कार्यक्रम, मुंडन, गृह प्रवेश सहित अन्य शुभ कार्य पर विराम लग जाएगा। खरमास साल में दो बार लगता है। सूर्य जब धनु राशि में प्रवेश करते हैं और जब सूर्य मीन राशि में प्रवेश करते हैं। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि खरमास और होलाष्टक के दौरान पूजा-पाठ, जप-पत, दान-पुण्य के कार्य किए जा सकते हैं। लेकिन वैवाहिक कार्यक्रमों, मुंडन, गृह प्रवेश सहित अन्य मांगलिक कार्य पर विराम लग जाएंगे। इधर वैवाहिक युवक-युवतियों के परिजनों ने विवाह के अगले शुभ मुहूर्त के लिए अभी से तैयारी शुरू कर दिए हैं। बैंड, बाजा के साथ होटल व रिसार्ट की बुकिंग शुरू कर दिए है। जिससे आने वाले शुभ मुहूर्त में बैंड, बाजा सहित अन्य व्यवस्था में किसी तरह की दिक्कतें नहीं हो। ज्योतिषार्च ने बताया कि रविवार से होलाष्टक भी शुरू हो रही है। इसका समापन 25 मार्च को होगा। उन्होंने बताया कि होलिका दहन के आठ दिन पहले होलाष्टक की शुरूआत हो जाती है। फाल्गुन अष्टमी अर्थात होलिका दहन से आठ दिन तक होलाष्टक के दौरान शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। हालांकि इस अवध में देवी-देवाताओं की आराना के लिए उत्तम माना जाता है।