November 7, 2024

रंजना सिंह की जाति प्रमाणपत्र को प्रशासन ने किया निलंबित, लेकिन अब तक नहीं हो पाया कब्जा खाली

कोरबा। पिछले दिनों प्रशासन ने सत्य व न्याय का साथ देते हुए निष्पक्ष जांच की, जिसका नतीजा यह हुआ कि सत्य की जीत हुई है और आदिवासी बन लोगों को प्रताड़ित कर रही रंजना सिंह के फर्जी जाति प्रमाणपत्र को निलंबित किया गया है। पुलिस ने उसके ऊपर अपराध भी दर्ज कर लिया है। 20 मार्च को प्रशासन की संयुक्त टीम ने जमीन का सीमांकन किया और बताया है कि जिस जमीन और मकान पर रंजना सिंह ने कब्जा कर रखा है वो जमीन और मकान मेरी है। लेकिन अब तक कब्जा खाली नहीं कराया गया है, जिससे मेरा परिवार अब तक व्यथित है।
नेत्री रंजना सिंह और उसके साथियों द्वारा संरक्षित जनजाति में शामिल फिरतराम पहाड़ी कोरवा और उसके परिवार को डराया-धमकाया जा रहा। पूर्व में मारपीट भी की, गाली-गलौज किया, कोरवा की जमीन पर कब्जा किया और खुलेआम जान से मारने की धमकी दी। प्रशासन और पुलिस में अनेक मामले दर्ज हैं, लेकिन न तो उन्होंने कोरवा की जमीन पर से कब्जा हटाया और न ही पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया है। अब भी खुली हवा में घूम रहे रंजना सिंह, पास्टर चंद्रा और अन्य पहाड़ी कोरवा को डराते-धमकाते फिर रहे हैं।
दो दिन पहले प्रशासन ने फिरतराम की जमीन का सीमांकन भी कर दिया है। उसके बाद भी रंजना सिंह और अन्य उनकी जमीन पर काबिज है, कब्जा नहीं छोड़ा है। रंजना सिंह पर पुलिस में दो-दो एफआईआर भी दर्ज है, उसके बावजूद रंजना सिंह और पास्टर चंद्रा समेत तमाम आरोपी प्रशासन-पुलिस से बेखौफ खुला घूम रहे हैं, जबकि पीड़ित पहाड़ी कोरवा फिरतराम और उनका परिवार इनकी गुंडागर्दी व धमकी की दहशत में डरे-सहमे मजबूर होकर रह रहे हैं। उन पर कब हमला हो जाए, इसे लेकर फिरतराम और उनका परिवार चिंतित है। कलेक्टर अजीत वसंत और पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी ने भरपूर सहयोग दिया और उनकी पहल पर ही सीमांकन और पुलिस में एफआईआर जैसी महत्वपूर्ण कार्रवाई भी हुई, लेकिन जिले के सर्वोच्च अधिकारियों की संवेदनशीलता से की गई पहल के बाद भी नीचे के मातहत और विभागीय अफसर-कर्मी लगातार उदासीनता बरत रहे हैं। उनके नजरंदाज रवैये का खामियाजा फिरतराम पहाड़ी कोरवा और उसके पूरे परिवार को भुगतना पड़ रहा है। अब तक न तो उन्हें उनके हक की जमीन पर ही कब्जा मिल सका और न ही पुलिस में नामजद आरोपियों की ही गिरफ्तारी की गई। ऐसे में एक ओर जिम्मेदार अमले की कार्यप्रणाली कटघरे में है, पीड़ित पहाड़ी कोरवा और उसका परिवार दहशत में गुजर कर रहा है।
0 रंजना सिंह और अन्य आरोपियों की मनमानियों पर एक नजर
-रंजना सिंह फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर बन बैठी आदिवासी।
-आदिवासी भूमि को फर्जी तरीके से करा ली रजिस्ट्री।
-राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र पहाड़ी कोरवा आदीवासी फिरतराम कोरवा की पुस्तैनी जमीन पर बलपूर्वक कब्जा कर लिया।
-फिरतराम कोरवा और उसके परिवार ने अपने साथ हुए अन्याय के लिए पिछले लंबे समय से सरकारी दफ्तरों के चक्कर पे चक्कर काटता रहा।
-थक-हारकर फिरतराम कोरवा और उनके परिवार ने मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखा।
-कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक ने संज्ञान लेते हुए त्वरित जांच में तेजी लाई।
-प्रशासन ने दो दिन पहले पहाड़ी कोरवा की जमीन का सीमांकन किया है, पर जिला दंडाधिकारी के आदेश दरकिनार कर रंजना सिंह और अन्य कब्जा छोड़ने तैयार नहीं।
-जिला छानबीन समिति द्वारा रंजना सिंह की जाति फर्जी पाए जाने पर जाति प्रमाण पत्र निलंबित किया जा चुका है।
-पहाड़ी कोरवा की जमीन पर जबरन कब्जा किया, विरोध करने पर मारपीट तक की।
-उसके निजी सामान व घर में रखे हिंदू धर्म के देवी-देवताओं की फोटो व मूर्ति का अपमान किया।
-रंजना सिंह, चेतन चौधरी के पुत्र दीपक चौधरी, पास्टर चंद्रा के उत्पात से बचाने और न्याय दिलाने पिछले कई माह से फरियाद कर रहा फिरतराम और उसका परिवार। बेखौफ अभी भी घूम रहे पुलिस ने दर्ज कर रखी है एफआईआर पर गिरफ्तारी नहीं अभी तक। सभी जगह घूमते देखा जा सकता है आसानी से।

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