October 5, 2024

स्वास्थ्य केंद्रों में टीबी जांच की सुविधा उपलब्ध, लक्षण आने पर तुरंत कराएं इलाज

0 विश्व क्षयरोग दिवस मनाया गया
कोरबा।
कलेक्टर अजीत वसंत के मार्गदर्शन में प्रतिवर्ष की भांति 24 मार्च को विश्व क्षय दिवस का आयोजन किया गया। इस दिन जिले में इस वैश्विक बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से कई जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। साधारण भाषा में टीबी रोग को क्षय रोग अथवा तपेदिक के नाम से जानते है। टीबी एक संक्रामक बीमारी है जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस जीवाणुओं की वजह से होती है, लेकिन यह बीमारी लाइलाज नहीं है। जिले में टीबी के सैकड़ों मरीज हर वर्ष सामने आते हैं। समय रहते इस बीमारी का इलाज करवा लिया जावे तो इसे पूरी तरह ठीक किया जा सकता है।
जिले के नागरिकों को टीबी रोग की भयावहता के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से मेडिकल कॉलेज, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा आयुष्मान आरोग्य मंदिर में जागरूकता कार्यक्रम तथा समुदाय स्तर पर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के द्वारा लोगों को टीबी के कारण लक्षण और उपचार के संबंध में जानकारी दी गई तथा लक्षण वाले मरीजों को स्पूटम जांच कराने को कहा गया। मेडिकल कॉलेज कोरबा में अधिकारियों नागरिकों मेडिकल/नर्सिंग छात्र-छात्राओं तथा कर्मचारियों की उपस्थिति में सेमिनार का आयोजन किया। टीबी के संबंध में जागरूकता हेतु रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें मेडिकल नर्सिंग कॉलेज के छात्र-छात्राओं द्वारा रंगोली बनाया गया। रंगोली प्रतियोगिता में विजयी टीम को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी मेडिकल कॉलेज के मेडिकल सुपरिटेंडेंट तथा नोडल अधिकारी टीबी के द्वारा पुरस्कार वितरण किया गया।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि टीबी बैक्टीरिया से होने वाली बीमारी है। सबसे कॉमन फेफड़ो का टीबी है और यह हवा के माध्यम से एक दूसरे इंसान में फैलती है। मरीज के खांसने, छीकने के दौरान मुंह तथा नाक से निकलने वाली बारीक बूंदें फैलाती है। फेफड़ों के अलावा ब्रेन, यूट्रस, मुंह, लीवर, किडनी, तंत्रिका तंत्र सहित शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकती है। टीबी के लक्षण जैसे लगातार खांसी जो तीन सप्ताह से अधिक समय तक हो जो खूनी हो सकता है। वजन घटना भूख न लगना, रात में पसीना आना, बुखार आना तथा अत्यधिक थकावट होना है। उन्होंने बताया कि टीबी एक गंभीर स्थिति है, लेकिन उचित उपचार से इसे ठीक किया जा सकता है। सबसे अहम बात है कि टीबी की पहचान हो। टीबी के मरीज 6 से 9 माह के दवाइयों के सेवन से इस रोग से निजात पा सकते हैं। उन्होंने जिले के लोगों से अपील की है कि जिन्हें उपरोक्त टीबी के लक्षण हो वे तुरंत मितानिन, स्वास्थ्य चिकित्सक से संपर्क कर अपने स्पूटम की जांच करा इलाज प्राप्त कर सकते हैं और जिले को टीबी मुक्त बनाने में मदद कर सकते हैं।

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