कैडर स्कीम के लिए बनी नई कमेटी, 45 दिन के भीतर सौंपेगी रिपोर्ट
कोरबा। कोयला कर्मियो को अधिकारी पद पर प्रमोट करने 11वें वेतन समझौते में बनाई कैडर स्कीम का यूनियन नेताओं ने विरोध किया था। इसके बाद कोल इंडिया की विभिन्न बैठकों में भी अधिकारियों के समक्ष इस मुद्दे को उठाया था। अब कोल इंडिया प्रबंधन ने नॉन एग्जीक्यूटिव कैडर स्कीम के लिए कमेटी गठित कर दी है। एसईसीएल समेत कोल इंडिया के अन्य कंपनियों के अधिकारी शामिल है। 45 दिनों के भीतर कैडर स्कीम के संबंध में कंपनी प्रबंधन को कमेटी अपनी रिपोर्ट देगी।
एसईसीएल समेत कोल इंडिया की सहायक कोयला कंपनियों मेें 11वां वेतनमान लागू कर दिया गया है। नॉन एमजीबी के मुद्दे में कैडर स्कीम शामिल रहा, जिसके तहत ही पात्र कोयला कर्मियों को ई-2 ग्रेड के अधिकारी बनने का मौका मिलता है। 11वें वेतन समझौते के तहत कोल इंडिया प्रबंधन की बनाई कैडर स्कीम का विरोध किया गया। श्रमिक नेताओं ने कहा कि इस स्कीम से अनेक कर्मचारी पात्रता हासिल करते रिटायर हो जाएंगे और अधिकारी बनने का लाभ नहीं मिल पाएगा। यही कारण रहा कि इसका विरोध किया जाने लगा।
अब कोल इंडिया प्रबंधन ने गंभीरता दिखाते हुए कैडर स्कीम के लिए कमेटी गठित की है। यह कमेटी 45 दिन के भीतर प्रबंधन को रिपोर्ट सौंपेगी। इस रिपोर्ट के आधार पर ही अधिकारी पद पर पात्र कोयला कर्मियों को प्रमोट करने कोल कंपनियों में कैडर स्कीम को लागू किया जाएगा। एक कर्मचारी ने बताया कि कोल इंडिया प्रबंधन जो कैडर स्कीम कर्मचारियों के अधिकारी पद पर प्रमोट करने बनाई है उसके ओवरमैन पद पर काम करते 3 साल का अनुभव जरूरी है, तभी वह ई-2 (माइनिंग) पद पर पदोन्नति से अधिकारी बनने का मौका पा सकेगा, लेकिन यह अनुभव हासिल करते कई कर्मचारी रहते ही रिटायर हो जाएंगे।
पहले सेकेंड क्लास की परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद सीनियारिटी के आधार पर अधिकारी बनने का मौका मिलता था। ओवरमैन के ग्रेड-ए पद पर 3 साल काम करने की बाध्यता नहीं थी। अधिकारी बनने कर्मचारी संवर्ग के ग्रेड ए पर 3 साल के अनुभव अनिवार्य किए जाने पर अनेक कोयला कर्मी प्रमोशन पाने से वंचित होंगे। यही कारण है कि इस कैडर स्कीम का विरोध किया जाने लगा।
0 कमेटी में 10 सदस्यीय टीम
कोल इंडिया प्रबंधन के महाप्रबंधक (श्रम शक्ति व औद्योगिक संगठन) गौतम बनर्जी ने कार्यालय आदेश जारी किया है, जिसमें 10 सदस्यीय कमेटी गठित करने की जानकारी दी है जो नॉन एग्जीक्यूटिव वर्ग से एग्जीक्यूटिव वर्ग में पदोन्नति को लेकर है। कमेटी 45 दिन के भीतर रिपोर्ट कोल इंडिया प्रबंधन को सौंपेगी। कमेटी में एसईसीएल के मुख्य प्रबंधक (पर्सनल) मनीष श्रीवास्तव भी शामिल हैं। इसके अलावा अन्य कोल कंपनियों के मुख्य प्रबंधक के अलावा सीनियर मैनेजर व मैनेजर भी शामिल हैं।