रमजान माह के आखिरी जुमा मस्जिदों में अता की गई जमात-उल-विदा की नमाज
0 अब होने लगा ईद आने का इंतजार
कोरबा। माहे रमजान के अंतिम शुक्रवार को अलविदा जुमा कहा जाता है। हजारों रोजेदारों ने मस्जिदों में पहुंचकर नमाज पढ़ी और अपने परवरदिगार की वारगाह में शुक्र अदा किया। नमाज के बाद मुल्क में अमन-चैन व खुशहाली के लिए दुआ की। साथ ही ईद को आपसी भाई-चारा के साथ मनाने का संदेश दिया।
रहमतों और बरकतों वाले पाक माह रमजान के आखिरी जुमे पर मस्जिदों में नमाजियों की काफी भीड़ रही। आखिरी जुमे पर रमजान को अलविदा कहते हुए हर मोमिन की आंखें नम हो गईं। पिछले एक माह से रमजान पर लोग अल सुबह सेहरी करने के बाद दिनभर इबादत में जुटे हुए हैं। इस दौरान पांच समय की नमाज में लोगों की काफी भीड़ रहती थी। मस्जिदों में मगरिब की अजान होते ही एक साथ रोजा इफ्तार होता है। जुमे की नमाज से पहले मौलानाओं ने अलविदा जुमे का खुत्बा पढ़ा। इससे पहले रमजान की फजीलत बताई गई। रमजान में फितरा, जकात देने के बारे में जानकारी दी।
नमाज के बाद देश में अमन की दुआएं की गईं। बताया गया कि रमजान के हर रोजे को रखना जरूरी है कि वह दुनियादारी को छोड़कर अल्लाह की बारगाह में इबादत करे। साथ ही फितरा जकात का पैसा ईद की नमाज अता करने से पहले गरीबों को बांट कर नमाज अता करें। जमात उल-विदा एक अरबी शब्द है, जिसका अर्थ होता है रमजान का आखिरी जुम्मा। इस पर्व को मुसलमानों द्वारा दुनिया भर में खूब धूम-धाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है। जमात-उल-विदा को लेकर ऐसी मान्यता है कि पैगंबर मोहम्मद साहब ने इस दिन अल्लाह की विशेष इबादत की थी।