श्रमिकों को वर्षों से मिल रही सुविधाओं को छीनने की कोशिश
सिंघाली खदान में प्रक्षिक्षण ले रहे कामगारों का नाश्ता व खाना किया बंद
कोरबा। एसईसीएल कोरबा क्षेत्र के अंतर्गत सिंघाली खदान के प्रबंधन द्वारा श्रमिकों को वर्षों से मिल रहे सुविधाओं को छीनने की कोशिश किया जा रहा है। सिंघाली मे स्थित वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर में प्रबंधन ने एक अप्रैल से प्रक्षिक्षण ले रहे कामगारों को नाश्ता व खाना देना बंद कर दिया है।
इस संबंध मे एटक के प्रदेश कार्यवाहक अध्यक्ष दीपेश मिश्रा ने कहा है कि सिंघाली प्रबंधन ने जो हरकत किया है वो पूरी तरह से गैरकानूनी ही नहीं बल्कि मजदूर विरोधी है। उन्होंने आगे कहा कि एटक संगठन पूरी ताकत के साथ इस मसले पर प्रबंधन का मुखालफत करेगा। विभिन्न खदानों से जो श्रमिक सिंघाली मे स्थित वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर मे वी.टी.सी या रिफ्रेशर कोर्स का प्रक्षिक्षण ले रहे है उन सभी कामगारों को नाश्ता व खाना एकाएक बंद कर देना कतई ठीक नहीं है। कामगार खदान में सुरक्षित तरीके से कैसे कार्य कर सके इसके लिए सिंघाली वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर में श्रमिकों को प्रशिक्षित किया जाता है, जोकि कोल माइन रेगुलेशन के तहत जरूरी भी है। खदानों में कामगारों को उनके जाब के अनुसार ही वी.टी.सी या रिफ्रेशर प्रक्षिक्षण देना ये नियमों के मुताबिक है, जोकि कोल माइन्स रेगुलेशन मे उल्लेखित है। इसमें यह भी प्रावधान है की जो भी श्रमिक वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेनिंग लेगा उन्हें दो टाइम का खाना व नाश्ता मुफ्त में प्रबंधन मुहैया कराएगी। ये सब कोल माइंस रेगुलेशन के प्रावधानों के तहत ही है, परंतु यह बहुत ही गंभीर बात है कि सिंघाली वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर के प्रभारी ने एक अप्रैल से ट्रेनिंग ले रहे श्रमिकों को भोजन एवं नाश्ता नहीं दे रहे है। ये सब ठीक नहीं है। उन्होंने सिंघाली परियोजना के खान प्रबंधक एवं ढ़ेलवाडीह उपक्षेत्र के सब एरिया मैनेजर को चेताया है कि सिंघाली वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर मे जो एकतरफा कार्यवाही कर ट्रेनिंग करनेवाले कामगारों का भोजन व नाश्ता जो बंद है उसे तत्काल चालू किया जाए। अन्यथा एटक इस मसले को लेकर सीधी कार्यवाही करने के लिए बाध्य होगा।