डॉ. नागेन्द्र शर्मा ने बताया ज्येष्ठ मास में खान-पान का नियम
0 लायंस क्लब कोरबा की सामान्य सभा
कोरबा। लायंस क्लब कोरबा की ओर से मंगलवार 28 मई को शाम 7 बजे लायंस स्कूल में सामान्य सभा आयोजित की गयी। ध्वजवंदना के लिए लायन शहनाज शेख को आमंत्रित किया गया। सभी महत्वपूर्ण चर्चा के पश्चात परिचर्चा के लिए आयुर्वेद चिकित्सक नाड़ी वैद्य लायन डॉ. नागेन्द्र नारायण शर्मा को आमंत्रित किया गया। उनके सहयोगी टेक्नीशियन देवबली कुम्भकार ने भी कार्यक्रम में सहभागिता दर्ज की। अध्यक्षता अध्यक्ष लायन मीना सिंह ने की। कार्यक्रम में पीएमसीसी एमजेएफ लायन जयप्रकाश अग्रवाल, जोन चेयरमैन एमजेएफ लायन एस.के. अग्रवाल एवं रीजन जीएसटी लायन कामायनी दुबे की उपस्थिति में मंच संचालन लायन संतोष खरे ने किया। कोषाध्यक्ष लायन रविशंकर सिंह, पूर्व अध्यक्ष लायन राजकुमार अग्रवाल (उत्सव), एमजेएफ लायन राजकुमार अग्रवाल (श्वेता) ने पुष्पगुच्छ से लायन डॉ. नागेन्द्र नारायण शर्मा एवं देवबली कुम्भकार का स्वागत किया गया।
लायन डॉ. नागेन्द्र नारायण शर्मा ने वर्तमान परिप्रेक्ष्य में स्वास्थ्य जागरूकता को ध्यान में रखते हुए उन्होंने संबंधित विषय पर वक्तव्य दिया। उन्होंने बताया कि आयुर्वेद के अनुसार प्रत्येक माह में विशेष तरह के खान-पान का वर्णन किया गया है, जिसे अपनाकर हम स्वस्थ्य रह सकते हैं। भारतीय परंपरा में ऋतुचर्या यानी ऋतुनुसार आहार-विहार करने की परंपरा रही है। यह संस्कार हमें विरासत में मिला है। अभी ज्येष्ठ (जेठ) मास का आरम्भ हो चुका है जो 21 जून 2024 शुक्रवार तक रहेगा। इस अंतराल में हमें अपने आहार-विहार पर विशेष ध्यान देना चाहिये। ज्येष्ठ माह में सूर्य अत्यधिक गर्म रहता है जो अपनी किरणों से धरती की शीतलता को सोख लेता है, जिसके कारण जल का स्तर गिरने लगता है। अत: हमं जल संरक्षण के उपाय करने के साथ-साथ अपने शरीर को स्वस्थ बनाये रखने के लिये शीतल जल (मटके अथवा सुराही) का पर्याप्त मात्रा में सेवन करना चाहिए। ज्येष्ठ मास में हमारा पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है। ऐसे में इस माह में अत्यधिक गरिष्ठ, मसालेदार भोजन और लाल मिर्च का सेवन नहीं करना चाहिये। इसके सेवन से पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। साथ ही ज्येष्ठ मास में बैंगन का सेवन भी नहीं करना चाहिये, इससे स्वास्थ पर दुष्प्रभाव पड़ने के साथ गंभीर वात रोग की होने की संभावना बनती है।
डॉ. नागेन्द्र ने बताया कि इस माह में सुबह का पहला भोजन जल्दी लेना चाहिये। मधुर रस युक्त भोज्य पदार्थ एवं बेल का सेवन वन अत्यधिक लाभकारी है। साथ-साथ नारियल, सत्तु, तरल आहार, छाछ, आम का पना, रसदार फलों और जूस का सेवन उचित माना गया है। ज्येष्ठ (जेठ) मास में दिन बड़े होने के कारण रात्रि भोजन से भी बचना चाहिए। सूर्योदय से सूर्यास्त के मध्य भोजन कर लेना चाहिये। ज्येष्ठ (जेठ) माह में भोजन के विषय में महाभारत में कहा गया है कि ज्येष्ठामूलं तु यो मासमेकभक्तेन संक्षिपेत ऐश्वर्यमतुलं श्रेष्ठं पुमान्स्त्री वा प्रपद्यते। अर्थात ज्येष्ठ मास में दिन में एक ही समय भोजन करना चाहिये इससे व्यक्ति निरोगी रहता है और धनवान बन जाता है। स्वस्थ शरीर भी हमारी पूंजी है जिसका हमें पूरा ध्यान रखना चाहिये।
कार्यक्रम पश्चात डॉ. नागेंद्र शर्मा का सत्येन्द्र वासन, मधु पाण्डेय, रामगोपाल डिक्सेना, अध्यक्ष एवं सचिव द्वारा स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया। देवबली कुंभकार का शिव अग्रवाल, नन्दकिशोर अग्रवाल, रोहित राजवाड़े द्वारा स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। अरविन्द साहू, मनमोहन यादव, ममता वासन, अनिमा प्रसाद, सुमन सोनी, भगवती गोयनका, मनोज अग्रवाल, दीपक माखीजा, कान्ता अग्रवाल, मीना अग्रवाल, सैयद फरियाद अली, दीपक अग्रवाल, दिनेश राठौर, रमेश शर्मा एवं उपस्थित सभी लायन सदस्यों ने स्वास्थ्य की महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की और धन्यवाद ज्ञापित किया।