स्वच्छ वायु और पानी का उपयोग करना प्रत्येक व्यक्ति का जन्मसिद्ध अधिकार : विशेष न्यायाधीश जयदीप
कोरबा। छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के प्लान ऑफ एक्शन के अनुसार सत्येन्द्र कुमार साहू प्रधान जिला न्यायाधीश व अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के मार्गदर्शन व निर्देशानुसार विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर जिला न्यायालय परिसर में पौध रोपण किया गया। पर्यावरण के संरक्षण के प्रति जागरूक किये जाने वनमंडल कोरबा एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के संयुक्त तत्वावधान में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
उक्त अवसर पर मुख्य अतिथि ओंकार प्रसाद गुप्ता प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय कोरबा की उपस्थिति में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जयदीप गर्ग विशेष न्यायाधीश (एस्ट्रोसिटीज) एक्ट कोरबा ने अपने उद्बोधन में कहा कि अपने आप से पूछिये कि हम विकास की अंधी दौड़ में शामिल हो चुके हैं। हमारे घर पहले 14 इंची मिट्टी के दीवाल के होते है, जिसमें हम चूने की पोताई करते थे और एक दूसरे का घर आपस में जुड़ा रहता था। केवल एक ही मकान में धूप आती थी और बाकी मकानों में धूप कम आती थी, जिससे गर्मी कम लगती थी। वर्तमान में आज सभी का सिंगल मकान होता है, जिसमें चारों तरफ से खुला रहता है और उसकी छते भी सीमेंट के होने के कारण गर्मी अधिक लगती है। वर्तमान में हम आवश्यकता से अधिक जमीन खरीद कर पेड़ पौधों का विनाश कर रहे हैं। वर्तमान में हम जमीन खरीद कर बड़े-बड़े मकान बना रहे हंै। फिर गर्मी लगने पर कूलर लगाते हैं। कूलर कार्य नहीं करता है, तो एसी लगाते हैं। एसी में विद्युत प्रवाह अधिक होने से विद्युत की आवश्यकता के लिये भारत में कोयले का उत्पादन से बिजली का निर्माण किया जाता है, जिससे पर्यावरण बहुत ज्यादा प्रदूषित हो रहा है। हम विकास तो कर रहे हैं किंतु इससे पर्यावरण का विनाश भी हो रहा है। पर्यावरण प्रदूषण होने से हमे स्वच्छ वायु, स्वच्छ पानी से वंचित होना पड़ रहा है। स्वच्छ वायु, स्वच्छ पानी का उपयोग करने के लिये संविधान ने हमें संवैधानिक अधिकार दिया है। मेरे ख्याल से स्वच्छ वायु एवं स्वच्छ पानी का उपयोग करना प्रत्येक व्यक्ति का जन्मसिद्ध अधिकार होना चाहिये। प्रकृति ने जो जीवनचक्र स्थापित किया है उसी के अनुसार हमें चलना चाहिये। मधुमक्खी के छत्ता का महत्व एवं अन्य जीव जन्तु का प्रकृति में होने के महत्व के संबंध में सूक्ष्मता से जानकारी दी गई।
आशीष खेलनवार उपवनमंडलाधिकारी ने अपने उद्बोधन में कहा कि पर्यावरण एवं जीव जन्तु की रक्षा करना हम सभी का कर्तव्य है। उन्होंने वनविभाग की जनकल्याकारी योजनाओं की जानकारी देते हुये कहा कि हमें अपने खाली पड़े जमीन पर पौध रोपण का कार्य करना चाहिये। इसके लिये वनविभाग में पौधा रोपण को प्रोत्साहित करने के लिये अनुदान भी दिया जाता है। एम सूरज अध्यक्ष नोवा नेचरल वेल्यफेयर सोसायटी (एनजीओ) ने कोरबा वनमंडल में उनके द्वारा वन्य प्राणी के सरंक्षण अधिनियम के संबंध में जानकारी देते हुये कहा कि कोरबा वनमंडल में दुर्लभ प्रजाति के वन्य प्राणी हैं, जिसका संरक्षण करना हम सब की जवाबदारी है। उन्होंने उनके रेसक्यू टीम के सदस्यों के किये जा रहे कार्यों के संबंध में जानकारी भी दी। इस अवसर पर ज्योति अग्रवाल अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, एफटीसी चन्द्र कुमार अग्रवाल, आईएफएस ऑफिसर, नूतन सिंह ठाकुर सचिव जिला अधिवक्ता संघ, जितेन्द्र सारथी रेस्क्यू टीम के सदस्य, पी.के. देवांगन प्रशासनिक अधिकारी, मानसिंह यादव चीफ लीगल एड डिफेंस कौंसिल सहित न्यायालय के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, पैरालीगल वॉलंटियर्स उपस्थित थे। कु. डिम्पल सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने कार्यक्रम का संचालन करते हुये आभार व्यक्त किया।