हरदीबाजार क्षेत्र में हाथी की धमक से ग्रामीण दहशत में, महिला और मवेशियों को उतारा मौत के घाट
0 वन विभाग ने दी मृत महिला के परिजनों को 25 हजार की तात्कालिक सहायता
कोरबा। पड़ोसी जिले की ओर से हरदीबाजार क्षेत्र पहुंचे हाथी ने जमकर उत्पात मचाया। लोगों द्वारा खदेड़े जाने से आक्रोशित हाथी ने मवेशियों को मौत के घाट उतार दिया। मॉर्निंग वाक पर निकली महिला से हाथी का सामना हो गया। हाथी ने महिला को पटकर घायल कर दिया। महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। आनन-फानन में उसे उपचार के लिए शहर के निजी अस्पताल रवाना किया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। रिहायशी क्षेत्र में हाथी के पहुंचने से लोग दहशत में रहे। वन अमला हाथी को खदेड़ने के प्रयास में जुटा रहा। वन विभाग ने मृत महिला के परिजनों को 25 हजार की तात्कालिक सहायता राशि दी है। खोड़री के समीप हाथी डटा हुआ है।
हरदीबाजार के रास्ते रलिया-सरईपाली नर्सरी होते हुए सुबह करीब 5.30 बजे क्षेत्र में एक हाथी देखा गया। गांव में हाथी के आने की जानकारी सुबह-सुबह कुछ बाइक सवार ग्रामीणों को हुई तो उसे खदेड़ने के लिए पीछे लग गए। हाथी ग्राम रलिया के बाजार के पास बस्ती जाने वाले मुख्य मार्ग से गुजर रहा था कि उसका सामना मॉर्निंग वॉक पर निकली गायत्री राठौर (55) से हो गया। हाथी को एकाएक सामने देखकर गायत्री जब तक संभाल पाती, हाथी ने उसे सूंड़ में उठाकर पटक दिया और आगे बढ़ गया। गायत्री राठौर को उपचार के कोरबा के निजी अस्पताल गया, जहां चिकित्सकों ने परीक्षण उपरांत उसे मृत घोषित कर दिया।
हरदीबाजार थाना क्षेत्र अंतर्गत एसईसीएल के खदान प्रभावित ग्राम भिलाईबाजार, रलिया में एक भटके हुए (लोनर) दंतैल हाथी के आ जाने से दहशत फैल गई। हाथी को जंगल की तरफ खदेड़ने की कवायद की गई। हाथी को देखने व खदेड़ने के लिए ग्रामीण उसके पीछे दौड़ते रहे। हाथी को ग्राम नरईबोध की ओर जाते देखा गया, जहां से वह खोड़री पहुंच गया। गांव के खेत खलिहान, सड़क और आबादी क्षेत्र में हाथी के विचरण करने से लोगों में भारी दहशत है। ग्रामीण बाइक और वाहन का हॉर्न बजाकर हाथी को भगाने की कोशिश करते रहे। कुत्ते उसे देखकर भौंकते रहे और हाथी सड़कों पर दौड़ता हुआ इंसानों से लेकर जानवरों तक को भयभीत कर रहा है। बताया जा रहा है कि इस हाथी ने कुछ मवेशियों को भी मार डाला है। बता दें कि खदान प्रभावित इलाके में हाथी के आने की यह दूसरी घटना है। इससे पहले करीब 2 साल पूर्व 5-6 हाथियों का झुंड ग्राम रेंकी, नेवसा के पास तक पहुंच गया था।