संयुक्त राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन ने किया एक दिवसीय धरना प्रदर्शन, शहीद हुए श्रमिकों को दी श्रद्धांजलि
कोरबा। संयुक्त राष्ट्रीय ट्रेड यूनियनो के आह्वान पर केंद्र सरकार की मजदूर, श्रमिक, किसान विरोधी नीतियों, 44 श्रम कानून को समाप्त कर चार लेबर कोड बनाए जाने के विरोध में राष्ट्रीय व्यापी काला दिवस 23 सितम्बर को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन परसाभाटा चौक बालकों में किया गया । धरना प्रदर्शन में संयुक्त ट्रेड यूनियन इंटक, एटक, सीटू एचएमएस वाम्स के लोग शामिल रहे। आम सभा को राज्य एटक के महासचिव कॉमरेड हरिनाथ सिंह, बालको सीटू के अध्यक्ष सुखोंदू घोष, महासचिव अमित गुप्ता एसएमएस के अध्यक्ष लखन लाल सहिस, धर्मेंद्र देवांगन, संतोष प्रजापति इंटक के महासचिव जय प्रकाश यादव, अल्युमिनियम एम्पलाइज यूनियन एटक के अध्यक्ष एसके सिंह, महासचिव सुनील सिंह, वॉम्स के महासचिव अमृतलाल निषाद ने को संबोधित किया। केंद्र में बैठी एनडीए की सरकार को 10 साल से ज्यादा हो रहा है इन 10 सालों में केंद्र सरकार ने मजदूरों किसानों और आम जनता का जितना शोषण हुआ है इससे पहले किसी की भी सरकार ने नहीं किया केंद्र में बैठी सरकार लोगों को मुद्दों से भटकने के लिए धर्म के नाम पर लोगों को लड़वाने का काम करती है भारत देश में बेरोजगारी महंगाई बढ़ती चली गई लेकिन केन्द्र में बैठी सरकार को इन सब समस्याओं का कुछ चिंता नहीं।
कारखाने में काम करने वाले मजदूरो के लिए 44 श्रम कानून बने हुए है केंद्र में बैठी सरकार 44 श्रम कानून को चार श्रम कोड में बदलकर मजदूरों के पक्ष में जो कानून बने हुए थे। उसको समाप्त कर मजदूर विरोधी श्रम कानून लेकर आने की पूरी रणनीति बना रही है। कारखाने में काम करने वाले मजदूरों का न्यूनतम मजदूरी हर राज्य में अलग-अलग है केंद्र में बैठी एनडीए की सरकार जब वन नेशन वन इलेक्शन ला सकती है तो पूरे राज्य में मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी एक समान होनी चाहिए। महंगाई आसमान छू गई है। जिसको केंद्र सरकार का कोई ध्यान नहीं बेरोजगारी बढ़ाते चली जा रही है। संयुक्त यूनियनो के द्वारा 23 सितम्बर को बालकों में हुए चिमनी हादसे की 15वीं बरसी पर परसाभाटा में मोमबत्ती जलाकर चिमनी हादसे से में शहीद हुए श्रमिकों को श्रद्धांजलि दी गई। श्रद्धांजलि सभा में सभी यूनियन के पदाधिकारी व सदस्य समेत सैकड़ो लोग शामिल रहे ।